आखिरकार तीन वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हो गई। 137 करोड़ रुपये की लागत से बैरिया बस स्टेंड का पुनर्निर्माण शुरू हो गया है। बस स्टैंड को फिर से बनाने में दो वर्ष लगेंगे। सर्वे की पहली चरण पूरी होने के बाद पुराने भवन को तोड़ा जाएगा। हालाँकि, सर्वे कार्य अभी अंतिम चरण में है। एजेंसी सर्वे कर बुडको रिपोर्ट करेगी। बिल्डिंग को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ, बसों को बस स्टैंड के सामने से दादर ओवरब्रिज और बैरिया गोलंबर तक सड़क किनारे स्थानांतरित किया जाएगा।
मेन रोड बैरिया बस स्टैंड से अधिक ऊंचा है। यह देखते हुए बस स्टैंड में मिट्टी डाल दी जाएगी और सड़क का लेवल बढ़ा दिया जाएगा। बस स्टैंड स्थित प्रशासनिक भवन से लेकर बाकी सभी इमारतें गिरा दी जानी चाहिए। बस स्टैंड की दुकानों को पहले ही नोटिस देकर हटा दिया गया है। बस स्टैंड का प्रवेश द्वार और निकास द्वार अलग होंगे। लंबी दूरी की बसों और शहर के बाहर की बसों का ठहराव अलग होगा। यह प्रवेश और निकास से अलग होगा।
80 करोड़ रुपये से इमलीचट्टी बस स्टेंड अत्याधुनिक होगा
अगले कुछ दिनों में इमलीचट्टी स्थित सरकारी बस स्टैंड और बैरिया बस स्टैंड भी अत्याधुनिक हो जाएगा। करीब 80 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस टर्मिनल का डीपीआर पटना में इंजीनियरों की एक टीम बना रही है। 5.11 एकड़ क्षेत्र में बस टर्मिनल बनाया जाएगा, जो सभी नवीनतम सुविधाओं से लैस होगा। इसमें प्रशासनिक भवन, नवीनतम कार्यालय, वाशिंग पीट, यात्री कक्षालय, कंप्यूटराइज्ड टिकट प्रणाली, ऑनलाइन पार्किंग व्यवस्था, सुरक्षा पिट, बस पार्किंग, टॉयलेट, शुद्ध पानी और बस टर्मिनल शामिल होंगे। टर्मिनल सैटेलाइट भी इससे जुड़ा रहेगा।
सर्वे के साथ अतिरिक्त कार्य शुरू हो गया है।
बैरिया बस स्टेंड का निर्माण समय पर समाप्त होगा। संस्थान के साथ समझौता हुआ है। सर्वे ने बाकी काम शुरू किया है। बस स्टैंड बनने से मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों के लोगों को सुविधा मिलेगी। – नवीन कुमार, नगर आयुक्त और MD Smart City