यूपी पुलिस ने आगरा में थाना परिसर में घुसकर महिला इंस्पेक्टर शैली राणा और इंस्पेक्टर पवन की पिटाई मामले में एक्शन लिया है. इसके साथ ही इस पूरे प्रकरण में पिटने वाले पुलिसकर्मी, पीटने वाले आरोपी, वीडियो बनाने वाले और वहां मौजूद कई लोगों पर सख्त कार्रवाई की गई है.
रकाबगंज थाने की महिला इंस्पेक्टर शैली राणा को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं उनके दोस्त इंस्पेक्टर पवन नागर के परिवार वालों को जेल भेज दिया गया है. इंस्पेक्टर पवन नागर के परिवार पर घर में घुसकर मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देते हुए जानलेवा हमला करने जैसे आरोप लगाते हुए निलंबित इंस्पेक्टर शैली राणा ने थाना रकाबगंज में मुकदमा दर्ज कराया है.
दर्ज एफआईआर के आधार पर पर इंस्पेक्टर पवन नागर की पत्नी, उनके पत्नी के भाई और साले की पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया गया है. पुलिस अधिकारी इस बात से भी बेहद नाराज हैं कि मौके पर तमाम पुलिस वाले मौजूद थे और इंस्पेक्टर की पिटाई के समय वह घटना को रोकने की जगह वीडियो बना रहे थे.
साथ ही घटना स्थल पर मौजूद होमगार्ड के खिलाफ भी रपट भेजी गई है. सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जांच के बाद दो पत्रकारों और छह अन्य के नाम भी खोले गए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि 6 अन्य में पत्रकारों के नाम शामिल किए जाएंगे. रपट में जिन पत्रकारों के नाम लिखे गए हैं. उनकी पहचान पत्रकार के रूप में नहीं लिखी गई है.
मारपीट से हो हल्ला होने पर पुलिस लाइन में रहने वाले और थाने में तैनात कई पुलिस वाले मौके पर आ गए. कुछ पुलिस वालों ने घटना को रोकने की जगह दोनों इंस्पेक्टर्स की पिटाई का वीडियो बनाना शुरू कर दिया. शैली राणा जिस थाने में बतौर थाना प्रभारी निरीक्षक तैनात थी. वहीं उनकी पिटाई हो रही थी. उनके ऊपर किसी भी घटना को रोकने की जिम्मेदारी होती है, वे मूक दर्शक बनकर खड़े थे और घटना का वीडियो बना रहे थे.
इस मामले की जांच एसीपी सुकन्या को दी गई. सुकन्या ने जांच कर आगे बढ़ा दिया है. इसके बाद सस्पेंशन और लाइन हाजिर की कार्रवाई की गई. मिली जानकारी के मुताबिक शैली राणा और पवन नागर पूर्व में एक साथ नोएडा जिले में तैनात थे. नोएडा में ही दोनों इंस्पेक्टर्स के बीच दोस्ती हुई थी.
फिर दोनों इंस्पेक्टर्स का अलग-अलग जिलों में ट्रांसफर हो गया. पवन नागर को पुलिस के विजिलेंस विभाग में जिला मुजफ्फरनगर तैनात किया गया. जबकि शैली राणा को आगरा ट्रांसफर किया गया. अपुष्ट जानकारी के मुताबिक दोनों इंस्पेक्टर्स का मिलन जुलना बदस्तूर जारी रहा. इस पर पवन नागर के परिजनों को गहरी आपत्ति थी. परिजनों की आपत्ति के चलते ही थाना रकाबगंज परिसर में इतना बड़ा कांड हुआ और पुलिस की किरकिरी हुई.