मुजफ्फरपुर । सूतापट्टी के कपड़ा व्यवसायी शिवजी प्रसाद गुप्ता से 10 लाख रुपए रंगदारी मांगने वाले मास्टर माइंड अमरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रेमिका के चक्कर में नौकरी छोड़ दी थी। उसने शिवजी प्रसाद साह की थोक दुकान कामधेनु टेक्सटाइल्स में 15 साल तक नौकरी की। उसे सूतापट्टी में ही दूसरी दुकान में काम करने वाली एक युवती से प्रेम हो गया। पहले से परिवार का बोझ और ऊपर से प्रेमिका की फरमाइश, अमरेंद्र का खर्च दोगुना बढ़ गया। तब उसने कपड़ा व्यवसायी की नौकरी छोड़ दी।
गिरफ्तारी के बाद अमरेंद्र ने पूरी कहानी पुलिस को बताई है। उसने पूछताछ में बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद फुटपाथ पर नाश्ता-भोजन की दुकान चलाने लगा। इसी दौरान उसे स्मैक की लत लग गई। नशे के कारण दुकान में ग्राहक भी कम हो गए। दुकानदारी फीकी हो गई। फिर से रुपए की तंगी होने लगी। नशेड़ी साथियों के साथ मिलकर चोरियां करने लगा। फिर उसने लंबा हाथ मारने की साजिश रची। कपड़ा व्यवसायी शिवजी प्रसाद गुप्ता के बारे में वह पूरी तरह जानता था। उसने सोचा कि रंगदारी की डिमांड होते ही व्यवसायी घबराकर 10 लाख रुपए शीघ्र ही दे देंगे।
सोचा था फर्जी सिम के कारण नहीं ढूंढ पाएगी पुलिस
अमरेंद्र ने सोचा था कि फर्जी सिम के कारण पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाएगी, लेकिन उसने तकनीकी गलती कर दी। अपने पुराने मोबाइल में ही फर्जी सिम लगाकर रंगदारी के लिए कॉल किया। आईएमईआई के आधार पर पुलिस को उस तक पहुंचने में मुश्किल नहीं हुई। शुक्रवार शाम करीब छह बजे व्यवसायी ने नगर थाने पहुंचकर रंगदारी की शिकायत की।
चार घंटे में ही दबोच लिए गए सभी
थानेदार ओमप्रकाश ने एसएसपी जयंतकांत को सूचना दी। एसएसपी की सर्विलांस सेल ने चार घंटे में ही अमरेंद्र व उसके साथियों की लोकेशन ले ली। व्यवसायी ने पुलिस को रंगदारी वाली कॉल की रिकॉर्डिंग पुलिस को दी थी। मुखबिरों ने आवाज के आधार पर अमरेंद्र के एक साथी की पहचान भी पुलिस को बता दी। इस तरह रात 11.30 बजे तक सभी पकड़े गए।
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