बिहार के अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की संवेदना मर चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में बच्चे की मौत के बाद उसका शव गोद में लेकर घूम रहे परिजनों को अस्पताल में तैनात गार्ड ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में एक बच्चे की मौत के बाद हाहाकार मच गया। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसके बाद ड्यूटी पर तैनात गार्ड ने उनपर हमला कर दिया। जिसमें एक व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं।
लोगों का कहना है कि बीते तीन दिनों में सदर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण तीन बच्चों की मौत हो चुकी है. घटना रहुई के बरांदी गांव की है, जहां गुड्डू यादव का 8 साल का बेटा गुलशन कुमार एक तालाब में डूब गया। परिजन उसे तुरंत रहुई अस्पताल ले गए, जहां से उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
रहुई थाना क्षेत्र बारांदी गांव निवासी गुड्डू कुमार ने बताया कि सोमवार को उसका बेटा पानी भरे गड्ढे में गिर गया था. उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया था. स्थिति गंभीर होने के बाद उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था. इमरजेंसी वार्ड में बच्चा को लेकर घंटों इंतजार करता रहा लेकिन कोई डॉक्टर इलाज करने के लिए नहीं आया. काफी देर के बाद एक डॉक्टर आया और मृत घोषित कर दिया.
मृतक के पिता का रो रोकर हाल खराब है. उसने मीडिया को बताया कि सदर अस्पताल में तैनात आधा दर्जन से अधिक गार्ड ने लाठी चार्ज की है. जिससे दो बालक भी जख्मी हो गए है. एक के आंख में गंभीर चोट लगी है. उसने बताया कि इलाज के आभाव में उसके बेटे की मौत हो गयी. इधर, घटना के बाद सैकड़ों लोग गार्ड को सौंपने की मांग करते रहे.
इधर, परिजनों के आरोप पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने सफाई दी. उन्होंने बताया कि बच्चा पहले मरा हुआ था. परिजन इलाज के लिए दवाब बना रहे थे. मना करने पर गाली-गलौज करने लगे. इसी कारण गार्ड के द्वारा बल का प्रयोग किया गया है. उन्होंने कहा कि परिजनों के द्वारा इलाज में लापरवाही का आरोप गलत है. कोई लापरवाही नहीं हुई है. इधर, परिजनों के बवाल पर पहुंचे नगर थानाध्यक्ष कुणाल कुमार ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वसन दिया है.