Muzaffarpur में AES से मौत पर बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान, अस्पताल अधीक्षक से मांगा जवाब

मुजफ्फरपुर: एसकेएमसीएच में एईएस से मौत पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (दिल्ली) ने अस्पताल अधीक्षक से जवाब मांगा है। आयोग ने यह पत्र 27 अगस्त को एसकेएमसीएच के अधीक्षक को लिखा है। जून में हुई मौतों पर आयोग ने संज्ञान लिया है। इधर जिला आपदा विभाग ने भी एसकेएमसीएच को पत्र लिखकर इस मामले में जवाब देने को कहा है। एसकेएमसीएच में एईएस से अब तक 17 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले में एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक व शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि रिपोर्ट संबंधित लोगों को भेज दी गयी है।




राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने दो लोगों की ट्वीट पर संज्ञान लिया है। सुधा झा और राजेश कुमार ठाकुर नाम के दो लोगों ने जून में एसकेएमसीएच में एईएस से मौत पर एक ट्वीट किया था। इसमें कहा गया था कि नौ जून तक एसकेएमसीएच में छह बच्चों की मौत हो चुकी है। इस ट्वीट के साथ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को भी टैग किया गया था।


इसके बाद आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर जांच कर कार्रवाई करने को कहा। आयोग ने प्रधान सचिव से हर जिले से एईएस प्रभावित बच्चों का डाटा भी मांगा। आयोग ने प्रधान सचिव को एईएस की रोकथाम के लिए किये गये उपायों के बारे में भी जानकारी मांगी। इधर, इस मामले में जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जून तक सिर्फ मुजफ्फरपुर के एक बच्चे की मौत हुई थी, बाकी दूसरे जिलों के थे।

INPUT: Hindustan

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