मुजफ्फरपुर। दिघरा-शेरपुर से व्यवसायिक इथेनॉल की तस्करी का नेटवर्क चल रहा है। शराब के धंधेबाज यहां से इथेनॉल लेकर नकली शराब बना रहे हैं। बेतिया में शराब से मौत के बाद बेतिया पुलिस ने दिघरा-शेरपुर में इथेनॉल तस्करों का सूत्र तलाशने के लिए सदर थाने की पुलिस से संपर्क साधा था। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के बाद अब नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने शेरपुर-दिघरा के आस पास इथेनॉल के धंधेबाजों को पकड़ने के लिए सदर थानेदार सत्येंद्र कुमार मिश्र को निर्देश दिया है।
बताया गया है कि एनएच किनारे टैंकर से व्यवसायिक इथेनॉल चोरी से निकाला जा रहा है। जिसे कुछ स्थानीय धंधेबाज टैंकर चालकों से खरीदकर शराब बनाने वाले तस्करों को बेच रहे हैं। छानबीन में पता चला है कि व्यवसायिक इथेनॉल का उपयोग पेट्रोल में मिलाने के लिए होता है। इस व्यवसायिक इथेनॉल में दो से चार प्रतिशत मिथेनॉल मिला होता है। यदि व्यापसायिक इथेनॉल से शराब बनाई जाएगी तो वह जहरीली हो जाएगी। इसे पीने वाले की मौत हो सकती है, या आंख की रोशनी चली जाएगी। बताया गया कि शेरपुर में कुछ होटलों व सड़क किनारे व्यवसायिक इथेनॉल लदे टैंकरों से स्प्रिट उतारे जाने का धंधा है।
समस्तीपुर व बलिगांव के स्प्रिट तस्करों की गिरफ्तारी का आदेश :
यूपी से छपरा होकर मुजफ्फरपुर में शराब तस्करों को समस्तीपुर के बंगरा व वैशाली के बलिगांव इलाके के स्प्रिट माफिया बड़े पैमाने पर स्प्रिट सप्लाई कर रहे हैं। इन माफियाओं का 30 दिसंबर को अहियापुर के द्रोणपुर में 1620 लीटर स्प्रिट जब्त किया गया था।
जो नकली शराब बनाने वाले तस्कर के यहां बंदरा ले जाई जा रही थी। इस कांड की समीक्षा के बाद नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने समस्तीपुर के बंगरा निवासी मुन्ना कुमार उर्फ मुनिया, समस्तीपुर के बंगरा थाना इलाके के कुबौली बंगरा निवासी रंजीत सिंह और वैशाली जिले के बलिगांव थाना के चिकनौटा गांव निवासी अजय कुमार को स्प्रिट सप्लायर के रूप में चिह्नित किया गया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने अहियापुर थानेदार विजय कुमार सिंह को निर्देश दिया है। नगर डीएसपी ने बताया कि वैशाली और समस्तीपुर पुलिस से भी इन माफियाओं की गिरफ्तारी के लिए संपर्क किया जाएगा।
INPUT: Hindustan