शहर की सड़कों पर बेकार पड़े टेलीफोन के खंबे को हटा देने मात्र से सड़कों की चौड़ाई 5 फीट से 12 फीट तक बढ़ जाएगी। बेकार पड़े टेलीफोन के खंबों को हटाने का टेंडर हो भी चुका है। इसके बाद भी केबल व जेनरेटर संचालकों की मनमानी के कारण शहर की सड़कों को अतिक्रमित किए इन खंबों को नहीं हटाया जा रहा है।
बीएसएनएल कार्यालय से चंद कदम की दूरी पर कंपनीबाग रोड में तो टेलीफोन के खंबे पर जंगल-झाड़-लताओं का जाल बिछा है। अकेले कंपनीबाग रोड में 5 से 6 सीट सड़क चौड़ी हो जाएगी, यदि बेकार पड़े टेलीफोन के खंबों को हटा दिया जाए। जूरन छपरा रोड में भी टेलीफोन के दो दर्जन खंबे 12 फीट तक सड़क को अतिक्रमित किए हुए हैं। जबकि इस खंबों पर बीएसएनएल का कोई तार नहीं है। तिलक मैदान रोड में कई जगह टेलीफोन के खंबे आधा टूट कर झुक गए हैं।
विभाग की दलील दबंगों ने नहीं हटाने दिया पोल
बीएसएनएल के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार टेलीफोन खंबों को हटाने का टेंडर बंगाल की एजेंसी को मिला। एजेंसी ने पोल हटाना शुरू किया, तो जूरन छपरा व कंपनीबाग रोड में केबल व जेनरेटर संचालकों ने एजेंसी के स्टाफ के साथ मारपीट की।
डीपी छोटा करने से टावर पर बढ़ जाएगी जगह
सरैयागंज टावर पर ट्रैफिक का काफी दबाव है। लेकिन, टावर पर बीएसएनएल का बड़ा डीपी लगा है, जो ट्रैफिक में बाधा है। यह डीपी क्षतिग्रस्त है। इसकी 5 हजार फोन की क्षमता की थी। अब पर महज 150 कंज्यूमर का कनेक्शन है। डीपी छोटा कर लेने से सड़क चौड़ी हो जाएगी।
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