विदेशी अधिनियम के उल्लंघन में सजा काटकर मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल से निकले नाइजीरिया के दो नागरिकों को मंगलवार को पूर्णिया स्थित डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया है। वहां उनके वैध ट्रेवल सर्टिफिकेट तैयार कर कोलकाता से नाइजीरिया भेजा जाएगा।
इसकी पुष्टि जेल अधीक्षक बिजेश कुमार मेहता ने की है। उन्होंने बताया कि जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा से इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया था। उनके आदेश पर पूर्णिया डिटेंशन सेंटर भेजा गया है। वहां से दोनों नाइजीरियन अपने वतन लौट सकेंगे।
सीतामढ़ी कोर्ट ने नाइजीरियन नागरिक सोलोमोन अलीग्व्यू व युग्वूम सिनाची ओनिया को तीन साल की सजा दी थी। ढाई साल की सजा काटने के बाद हाईकोर्ट ने दोनों को रिहा कर दिया। रिहाई के आदेश पर मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक ने गार्ड के साथ दोनों को दिल्ली स्थित दूतावास भेजा था, लेकिन दूतावास ने दोनों को पुन: मुजफ्फरपुर भेज दिया। इसके बाद एसएसपी के आदेश पर चार दिनों तक दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच नगर थाने में रखा गया। जेल अधीक्षक ने इस संबंध में जेल आईजी से मार्गदर्शन मांगा। इसके आलोक में जेल आईजी ने प्रावधान के मुताबिक दोनों को पूर्णिया स्थित डिटेंशन सेंटर भेजने का आदेश दिया।
नगर थाने पर नाइजीरियन नागरिकों ने जेल के अनुभव को हिन्दी में साझा किया। युग्वूम सिनाची ओनिया ने बताया कि वह इंजीनियर है। वह अफ्रीका में नौकरी करता था। वहीं, सोलोमोन अलीग्व्यू खेतीबाड़ी करता था। दोनों नेपाल और अन्य देश घूमने निकले थे। इस दौरान सीतामढ़ी में नेपाल का खुला बॉर्डर होने की वजह से भारत में प्रवेश कर गए। उनके पास भारत का वीजा नहीं था। इसलिए पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। युग्वूम सिनाची ओनिया ने बताया कि जेल में अंग्रेजी के अलावा हिन्दी बोलना सीख गया। इस दौरान कई कड़े अनुभव भी मिले। अब नाइजीरिया जाने के बाद नौकरी की तलाश करनी होगी।
INPUT: Hindustan