मुजफ्फरपुर। शहर में जाम की सबसे बड़ी वजह पार्किंग का न होना है। 15 स्थलों पर पार्किंग बनाने की पुरानी योजनाएं नगर निगम के फाइलों में ही गुम हो गई है। मार्केटिंग के लिए निकलने वाले लोग सड़क और ओवरब्रिज पर गाड़ी पार्क कर देते हैं, जिससे हर रोज सारा शहर जाम से जूझता है।
मोतीझील ओवरब्रिज के नीचे पार्किंग बनाई गई है, जहां फुटपाथी दुकानदार और होटल मालिकों का कब्जा है। ऐसे में गाड़ी पार्किंग लोग कहां करें। इमलीचट्टी बस स्टैंड में स्मार्ट सिटी के तहत मल्टीलेवल कार पार्किंग बनाने की योजना है। काम की गति से अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां पार्किंग बनने में कई साल लग जायेंगे। तत्कालीन नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने शहर में अलग-अलग सात जगहों पर पार्किंग बनाने की प्लानिंग की थी। उन्होंने अंडरग्राउंड पार्किंग के अलावा छोटे स्तर की मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के लिए विदेश की एजेंसी से भी बात की थी। स्थल चयन भी किया गया, लेकिन उनके तबादले के साथ ही पार्किंग योजना फाइलों में बंद हो गई।
यहां पार्किंग बनाने की थी योजना :
बम पुलिस गली, पुरानी बाजार नाका के पास, घिरनी पोखर में अंडरग्राउंड पार्किंग, कंपनीबाग में सिटी पार्क के पास, बैंक रोड डपसी मोहल्ला, अखाड़ाघाट रोड में देना बैंक के सामने, पक्की सराय परिसर, हाथी चौक नगर निगम मार्केट के पास, पानी टंकी चौक स्थित नाका, जुब्बा सहनी पार्क, तिलक मैदान रोड निगम मार्केट के नीचे, हरिसभा चौक ओवरब्रिज के नीचे, अघोरियाबाजा-नीमचौक के बीच ऊपर में मछली मार्केट और नीचे वाहन पार्किंग, कलमबाग चौक शौचालय के पास और जूरनछपरा में आयुक्त के सचिव आवास परिसर से कुछ जमीन लेकर वाहन पार्किंग स्थल निर्माण।
मोतीझील में सड़क पर लगती गाड़ियों से जाम :
नगर निगम के एक सर्वे के अनुसार मोतीझील में हर दिन औसतन 10 हजार ग्राहक पहुंच रहे हैं। ये ग्राहक दोपहिया और चारपहिया वाहनों से आते हैं। मोतीझील की दुकानों के सेल्समैन और ग्राहकों की बाइक सड़क पर पार्क की जाती है, जबकि कार से आने वाले ग्राहक आवेब्रिज पर पार्क कर रहे हैं। इसके साथ ही सड़क पर ही ठेला वाले दुकान लगाते हैं। इस तरह यहां 85 फीट चौड़ी सड़क सिमटकर 20 फीट बच जाती है। इसके कारण मोतीझील में दिनभर ट्रैफिक जाम रहता है। मोतीझील का ओवरब्रिज भी जाम रहता है।
सरैयागंज से पंकज मार्केट और गोला तक जगह नहीं :
सरैयागंज टावर से सिकंदरपुर, गोला और कंपनीबाग रोड में दिनभर जाम लगा रहता है। यहां बड़े-बड़े मार्केट हैं, लेकिन उसमें आने वाले ग्राहकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। सड़क पर ही गाड़ी पार्क करना ग्राहकों की मजबूरी है। इसके अलावा सरैयागंज टावर चौक के मुहाने पर ऑटो चालकों ने सवारी उठाने के लिए अघोषित पड़ाव बना लिया है। इससे यहां सड़क पर ठेला पर सजने वाली दुकानों के कारण जाम से निकलने में कार सवार को आधा घंटा लगता है।
अघोरिया बाजार चौक के पास सड़क पर ऑटो पार्किंग :
अघोरिया बाजार चौक दिनभर जाम रहता है। एक तो चौराहे का एक मुहाना पहले से पतला है, ऊपर से यहां पर ऑटो पार्किंग है। इससे दिनभर चौराहा जाम रहता है। जाम में वाहनों की कतार चौराहे के चारों ओर 500 मीटर में लगी रहती है। जाम से बचने के लिए गन्नीपुर और प्रोफेसर कॉलोनी होकर गाड़ियां निकलती हैं। इससे इन गलियों में भी गाड़ियां फंसी रहती हैं। इस चौराहे पर जाम से निकलने में कार सवार को आम तौर पर 20 से 25 मिनट लग जा रहे हैं।
जूरनछपरा में सड़क पर लगतीं डॉक्टर व मरीज की गाड़ियां :
जूरनछपरा में मरीज और डॉक्टर की गाड़ियां सड़क पर ही पार्क की जा रही है। इससे सड़क पर दूसरे वाहनों के लिए जगह 15 फीट ही बचती है। ऐसे में जब बिहार राज्य परिवहन निगम की बसें आती हैं तो घंटों जाम लगता है। यहां के जाम में वाहनों की कतार ब्रह्मपुरा मेंहदीहसन चौक तक पहुंच जाती है।
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