मुजफ्फरपुर के कटरा के रहने वाले पेंशनर राम बहादुर साह महज 10 घंटों के लिए करोड़पति हुए थे। अब उनके खाते में 419 रुपए हैं। जब उनके उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के खाते में 52 करोड़ रुपए आए थे तो वे अपने बुढ़ापे के लिए सपने संजोने लगे थे। सरकार से डिमांड तक कर दी थी कि कुछ रुपये उन्हें दे दिए जाए, ताकि बुढ़ापा आराम से कट सके।
बुजुर्ग राम बहादुर शाह ने बताया- ‘सरकार से मांग के बावजूद बैंक ने सारे पैसे वापस ले लिए। अचानक इतने पैसे आए तो लगा कि बुढ़ापा ठीक से गुजर जाएगा, लेकिन बैंक ने पूरे पैसे वापस ले लिए। अब फिर वही खेतीबाड़ी पर उम्मीद टिक गई।’
उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक महेंद्र कुमार ने बताया- ‘तकनीकी समस्या आने के कारण ऐसा हुआ था। उनके खाते से रुपये वापस बैंक के पास चले गए हैं। बैंक के सर्वर में कोई खराबी नहीं थी। BC सेंटर में कुछ तकनीकी खराबी आने के चलते ऐसा हुआ था, जिसे अब दूर कर लिया गया है।’
हैकिंग की बात से इनकार
महाप्रबंधक बताते हैं- ‘हैकिंग या हैकर्स की कोई बात इसमें नहीं है। इसे पूरी तरह से खंगाल लिया गया है। जांच कर्मी पूरी तरह से संतुष्ट हैं। यह सिर्फ तकनीकी समस्या थी। जहां से भी ऐसे मामले आए हैं, सभी जगहों पर तकनीकी कारणों से ही हुआ है। अन्य किसी तरीके की बात नहीं है।’
बैलेंस चेक करने के दौरान लगा था पता
गुरुवार शाम गांव में ही एक CSP में वे आधार कार्ड लेकर अपने खाता का बैलेंस चेक करने गए थे। CSP संचालक ने जैसे ही आधार कार्ड नम्बर और बुजुर्ग के अंगूठे के निशान लिया दंग रह गया। देखा कि खाता में 52 करोड़ रुपये हैं। बुजुर्ग को इससे अवगत कराया। इसके बाद तो गांव में हड़कंप मच गया। लोगों की भीड़ जुट गई। हर कोई इस करोड़पति बुजुर्ग से मिलने को आतुर हो उठा।
INPUT: Bhaskar