मुजफ्फरपुर-बरौनी एनएच को फोरलेन बनाने की कवायद तेज है। इस परियोजना के तहत एनएचएआई की टीम इस मार्ग के पुल- पुलियों का निरीक्षण कर रही है। लगातार दूसरे दिन रविवार को एनएचएआई टीम प्रत्येक पुल पर रुककर उसकी स्थिति का जायजा ली।
फोटोग्राफ लिये। एनएचएआई के पीडी रामप्रीत पासवान ने बताया कि एनएच-122 (पुराना एनएच-28) अभी टू लेन है। इसे बरौनी तक फोरलेन करने की दिशा में काम चल रहा है। हालांकि पीडी ने कहा कि पुलों का निरीक्षण रूटीन जांच है। फोरलेन बनने पर पुलों का भी निर्माण होना है।
बता दें कि मुजफ्फरपुर से बरौनी तक 108 किमी. में फोरलेन सड़क बननी है। इसकी डीपीआर और एलायमेंट भी तैयार है। इसमें व्यस्तम चौराहों पर अंडरपास और फ्लाइओवर का भी प्रस्ताव है। बताया गया कि दिघरा से बरौनी तक वर्तमान सड़क से अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी। फोरलेन बनने के बाद समस्तीपुर व बरौनी का सफर और सुगम व सुरक्षित होगा।
दिघरा से मधौल के बीच 5.75 किमी में बनना है बाइपास:
दिघरा गांव से दक्षिण-पश्चिम में गंडक के तिरहुत कैनाल के किनारे से मधौल तक हाजीपुर फोरलेन से जोड़ने का भी प्रस्ताव है। जबकि इस प्रस्तावित फोरलेन को हाजीपुर फोरलेन व दरभंगा की ओर जाने वाले ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर को रिंगरोड से काजीइंडा चौक होकर मधौल के पास जोड़ेगा। दिघरा से मधौल के बीच तिरहुत कैनाल के किनारे करीब 5.75 किलोमीटर लंबा बाइपास बनना है। कैनाल के दोनों किनारे पर्याप्त सरकारी जमीन भी उपलब्ध है।
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