4 साल से शहरवासियों को Muzaffarpur Smart City का इंतजार, स्वीकृति और डीपीआर में उलझी योजनाएं

मुजफ्फरपुर। स्मार्ट सिटी की एक भी योजना अब तक पूरी नहीं हो पाई है। शहरवासी चार साल से स्मार्ट सिटी का इंतजार कर रहे हैं। तीन साल योजनाओं के चयन और डीपीआर बनाने से लेकर उसकी स्वीकृति में ही उलझ कर रह गया है।




एक साल पहले नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव ने जब कंपनी के चेयरमैन की कुर्सी संभाली तो काम आगे बढ़ा। एक साल में एक-एक कर डेढ़ दर्जन योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए एजेंसी का चयन कर कार्यादेश दिया गया। लेकिन जमीन पर उनमें से आधा दर्जन योजनाओं पर ही काम शुरू हो पाया है और उसकी गति भी ऐसी कि काम को पूरा होने में सालों लग जाए। एक दर्जन योजनाएं अभी भी प्रक्रिया में फंसी हुई हैं। आधा दर्जन योजनाएं अभी डीपीआर निर्माण एवं स्वीकृति की उम्मीद में फंसी हुई हैं।


वर्ष 2017 में हुआ था शहर का चयन
दो दौर में पिछडऩे के बाद 23 जून 2017 को तीसरे चरण में शहर का स्मार्ट सिटी के लिए चयन किया गया था। स्मार्ट सिटी के चयन के बाद एक साल कंसल्टेंट कंपनी का चयन करने में बीत गया। जून 2018 में श्रेया नामक एजेंसी का चयन किया गया। कंपनी ने उसे योजना के चयन और सर्वे सहित दूसरे प्रोजेक्ट को तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी। उसके बाद स्मार्ट सिटी कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर की कई दौर की बैठकें हुईं लेकिन काम में तेजी नहीं आई। अब श्रेया का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और उसकी जगह गुजरात की एजेंसी ग्रीन डिजाइन इंजीनियङ्क्षरग सर्विसेज काम कर रही है, लेकिन हालात पहले जैसा ही है।


स्मार्ट सिटी मिशन की योजनाओं का हाल
बैरिया चौक से लक्ष्मी चौक, ब्रह्मपुरा चौक, इमलीचट्टी रोड, स्टेशन रोड होते हुए धर्मशाला चौक तक स्पाइनल रोड : 38.75 करोड़ की लागत से बनने वाली इस सड़क के निर्माण का जिम्मा खोखर इंफ्रस्ट्रक्चर प्रा.लि. को दिया गया। इस सड़क का निर्माण भी 12 माह के अंदर पूरा करनी है। कार्यादेश 28 जनवरी 2021 को दिया गया था। अभी बैरिया से लक्ष्मी चौक के बीच नाला का निर्माण हो रहा है।


– धर्मशाला चौक से टाउन थाना, तिलक मैदान, सरैयागंज टावर होते हुए अखाड़ाघाट पुल तक पेरीफेरल सड़क के निर्माण को जिम्मा भी खोखर इंफ्रस्ट्रक्चर प्रा.लि. को दिया गया। इसके निर्माण पर 20.73 करोड़ खर्चा होगा और इसे भी 12 माह के अंदर पूरा करना है। इसका कार्यादेश भी 28 जनवरी 2021 को दिया गया था लेकिन अब तक योजना का जमीन पर काम नहीं हो रहा है।


– नगर थाना चौक से कल्याणी होते हुए हरिसभा चौक तक स्मार्ट सड़क का निर्माण 5.67 करोड़ की लागत से नौ माह में पूरी की जाएगी। इसके निर्माण का कार्यादेश पांच मार्च 2021 को लिली कंस्ट्रक्शन को दी गई है। लेकिन अभी तक सड़क की मापी का ही काम चल रहा है। जमीन पर काम नहीं हो पाया है।


– सिकंदरपुर में मल्टीपरपज स्पोट्र्स स्टेडियम के निर्माण का जिम्मा साईं इंजीकॉन एंड कंस्ट्रक्सन प्रा. लि. को दिया गया है। योजना पर 19.8 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और उसे 15 माह में पूरा करना है। कार्यादेश पहली मार्च 2021 को जारी किया गया था। अभी तक पांच प्रतिशत काम हुआ है।

– तिलक मैदान रोड में म्युनिसिपल शापिंग मार्ट का निर्माण 12 माह में पूरा होगा। इसके निर्माण का जिम्मा भारत इंफ्राकान प्रा. लि. को दिया गया है। इसके निर्माण पर 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एक मार्च 21 को कार्यादेश दिया गया था। अभी पुराने भवन को ही तोड़ा जा रहा है।


– फेस लिफ्टिंग आफ सुतापट्टी, इस्लामपुर एवं टावर चौक : इसे मूर्त रूप देने का जिम्मा श्री राम सागर कंस्ट्रक्शन को दिया है। इस पर 28.91 करोड़ खर्च होगा और 15 माह में इसे पूरा किया जाएगा। कार्यादेश चार मार्च 21 को जारी किया गया था। अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।

– शहर के आधा दर्जन चौक-चौराहों को सुगम बनाने का काम करने के लिए मानमर्दन शुक्ला कंस्ट्रक्शन कंपनी का चयन किया गया है। इस कार्य पर 5.21 करोड़ खर्च होगा और इसे भी 12 माह में पूरा करना है। कार्यादेश को पांच माह से अधिक समय बीत चुके हैं लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है।


– कंपनी बाग में इंटीग्रेटेड कमांड एवं कंट्रोल सेंटर के भवन का निर्माण 11.19 करोड़ की लागत से होगा। इसके निर्माण का कार्य ठीकेदार अशोक चौधरी को मिला है। इस कार्य को नौ माह के अंदर पूरा करना है। कार्यादेश पांच मार्च को दिया गया था। तय समय सीमा सप्ताह होने को लेकिन अभी भवन का बेस ही बन रहा है।

– शहर में 25 स्थानों पर स्मार्ट मिनी बस एवं ई-रिक्शा स्टाप का निर्माण चार करोड़ की लागत से नौ माह में पूरा किया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेवारी दुर्गा कंस्ट्रक्शन का दिया गया है। काम शुरू नहीं हुआ।
– इमलीचट्टी एवं बैरिया में पर्यटन सूचना केंद्र का निर्माण 0.62 करोड़ की लागत से होगा। इसके निर्माण का जिम्मा ठीकेदार देवेंद्र सिन्हा को दिया गया है। तीन माह में इसे पूरा करना है। तीन माह बीच चुका है लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है।


सिकंदरपुर मन सौंदर्यीकरण योजना : 177 करोड़ की इस योजना के एजेंसी का चयन कर कार्यादेश दिया जा चुका है। एजेंसी अभी मन की मापी में लगी है।

-आधा दर्जन योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। जो बची हैं वे भी जल्द ही जमीन पर दिखने लगेगी। कार्य की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है लेकिन सभी काम को तेजी से पूरा किया जाए इसके लिए वे लगातार समीक्षा कर रहे हैं। -विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त एवं प्रबंध निदेशक, स्मार्ट सिटी कंपनी

INPUT: JNN

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