मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में पिछले दिनों नशा नहीं मिलने से एक बंदी की मौत हो गयी थी। इसे जेल प्रशासन ने गम्भीरता से लिया है। विभाग अलर्ट हो गया है और बचाव के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं। ताकि आगे कोई अप्रिय घटना नहीं हो। क्योंकि अभी भी जेल में दर्जनों ऐसे बंदी हैं, जो नशा के आदि हैं। इन्हें संभालना जेल प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। इसी स्थिति को देखते हुए जेल अधीक्षक ब्रिजेश मेहता ने सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा से पत्राचार किया है। इसमें बंद पड़े नशा मुक्ति केंद्र को पुनः चालू करने का आग्रह किया गया है। ताकि जो बंदी बिना नशा किए नहीं रह सकते हैं, उन्हें उसमें भर्ती कराया जा सके।
बता दें कि जहरीली शराब से मौत के बाद जिले में अवैध शराब के खिलाफ मुख्यालय के आदेश के बाद लगातार पुलिस की कार्रवाई सभी इलाकों में जारी है। शराब बनाने से लेकर बेचने के साथ-साथ पीने वाले को भी पुलिस न्यायिक हिरासत में भेज रही है। जो आदतन नशेड़ी हैं उन्हें जेल में बिना नशापान के रखना मुश्किल हो रहा है। इसी के मद्देनजर नशा मुक्ति केंद्र को दोबारा चालू करने का आग्रह किया गया है।
बता दें कि सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र संचालित था। लेकिन वैसा कोई मरीज नहीं आने के कारण और करोना काल में उसे बंद कर दिया गया था। जिसे पुनः सुचारू करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। CS डॉ विनय शर्मा से पूछे जाने पर बताया कि जेल अधीक्षक द्वारा एक पत्र दिया गया है जिसमें नशा मुक्ति केंद्र को पुनः सुचारू करने का आग्रह है।
इस आलोक में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को यह निर्देश दिया गया है कि यथाशीघ्र नशा मुक्ति केंद्र को सुचारू कराया जाए और जो इस नशा मुक्ति केंद्र में मरीज आते हैं उनका इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसकी कवायद शुरू कर दी गयी है। शीघ्र ही इसे दोबारा चालू कर दिया जाएगा। इसके लिए डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की भी तैयारी शुरू कर दी गयी है।
INPUT: Bhaskar