बड़ी खबर : मानवाधिकार आयोग ने Muzaffarpur Eye Hospital कांड में मुख्य सचिव को भेजा नोटिस, 4 हफ्तों के भीतर मांगा जवाब

मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल कांड: 15 मरीजों की निकाली जा चुकी आंखें, जूरन छपरा स्थित आंख के हॉस्पिटल मे मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले सभी 65 लोगो की आंखो की रोशनी इन्फेक्शन के कारण चली गयी.

मेडिकल टीम ने जांच के बाद जब यह आशंका जताई तो इस खबर ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया. मंगलवार तक कुल सात लोगो की आंखे निकाली जा चुकी थी. वहीं बुधवार को 8 अन्य मरीजों की आंखें निकाली गयी है.




जिन लोगों ने आंखों का ऑपरेशन कराया था उनकी जांच की गई. जांच के दौरान टीम ने कई मरीजों को तत्काल एसकेएमसीएच रेफर कर दिया. मंगलवार तक 7 तो बुधवार को 8 और मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी. इनकी आंखो मे ऑप्थेल माइटिस संकमण हो गया है. इस कारण इन 15 मरीजो की आंखे निकाली गयी है.

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह के नेतृत्व मे चिकित्सको के दल ने मरीजो के साथ ही अस्ताल प्रबंधन व ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरो से बातचीत की थी. ऑपरेशन थिएटर से इन्फेक्शन फैलने की आशंका होने पर उसे सील करा दिया गया था. इस पूरे प्रकरण को लेकर सियासत भी गरमायी हुई है. विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है.


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वहीं इस पूरे मामले को लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि जांच टीम ने अस्पताल के ओटी की मशीन का स्वाब लिया गया. साथ ही रिएजेंट का सैंपल लिया गया है, जिससे ऑपरेशन के पूर्व आंख की सफाई की जाती है. जांच रिपोर्ट दो-तीन दिनों मे प्राप्त हो जायेगी, जिससे पता चलेगा कि मरीजो की आंखो मे संकमण फैलने की वजह क्या रही है.


इस मामले पर मानवाधिकार आयोग ने भी हस्तक्षेप किया है. बिहार मानवाधिकार आयोग के वकील एस के झा ने याचिका दायर की थी. जिसके बाद इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया गया है. NHRC ने मुख्य सचिव से चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

INPUT: JNN

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