पहले आंख की रोशनी गई, अब चली गई जान, मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का आपरेशन कराने वाली महिला की मौत से मचा हड़कंप

मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद आंख गंवाने वाली एक महिला की गुरुवार को मौत हो गई। मौत की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

आंख की रोशनी गंवाने के बाद यह पहली मौत है। हालांकि एक और मौत की चर्चा है लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी है।




आपरेशन के बाद रोशनी गंवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार को मेडिकल कॉलेज में गंभीर रूप से संक्रमित नौ और पीड़ितों की आंख निकालनी पड़ी। इससे आंख गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। बुधवार को नौ नए मरीज भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किए गए हैं। जांच के बाद इनकी आंख निकालने पर फैसला होगा।


जिन नौ लोगों की रोशनी चली गई थी उनमें बंदरा के रामपुर दयाल गांव की जुबैदा खातून की गुरुवार को मौत हो गई। जुबैदा का मोतियाबिंद का आपरेशन आई हॉस्पिटल में हुआ था। जुबैदा संक्रमण के बाद घर पर ही थी। बताया जाता है कि जुबैदा किडनी की मरीज भी थी।


दूसरी ओर, 22 नवंबर को ऑपरेशन कराने वाले सभी लोगों में संक्रमण की आशंका के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ रखा है। लगभग पचास पीड़ितों के बारे में न तो विभाग के पास पर्याप्त जानकारी है और न ही उनकी कोई खोज-खबर ली जा रही है।


घटना सामने आने के तीन दिन बाद बुधवार को सीएस जागे और आई अस्पताल को पत्र भेजकर पीड़ितों का ब्योरा व अस्पताल से जुड़े दस्तावेज मांगे। वह भी तब जब मुख्यालय ने उनसे पूरी जानकारी तलब की। इस बीच, डीएम ने पीड़ितों को मुख्यमंत्री सहायत कोष से मुआवजा देने की बात कही है।


इससे पहले, मंगलवार को दो पीड़ितों की आंख निकाली गई थी, जबकि ऑपरेशन के दूसरे दिन 22 नवंबर को आई अस्पताल ने मामला दबाने के लिए आनन-फानन में चार मरीजों की आंख निकाली थी। बुधवार को मुजफ्फरपुर के साथ ही पटना में यह मामला गरमाया रहा। स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह सहित कई अन्य आला अधिकारियों के फोन आने के बाद सीएस डॉ. विनय कुमार शर्मा टीम के साथ अस्पताल पहुंचे।

INPUT: Hindustan

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