Muzaffarpur आंखफोड़वा कांड : 3 डॉक्टरों सहित 14 लोगों पर FIR, हत्या का प्रयास सहित कई संगीन धाराओं में हुई एफआईआर

आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन बिगड़ जाने के मामले में घटना के चार दिन बाद गुरुवार को ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर एनडी साहू,डॉ. समीक्षा , डॉ.निरुपमा, नौ पैरा मेडिकल स्टॉफ और प्रबंधन के अधिकारी दिलीप जालान और दीपक कुमार सहित 14 आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। इन पर हत्या के प्रयास, जानबूझ कर लापरवाही और अंगभंग करने जैसे जुर्म की धाराएं (307,336,337,325,326)लगाई गई है। इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन पर भी कई संगीन आरोप लगाए गए हैं। सरकार के आदेश के चौबीस घंटे बाद जद्दोजहद के बीच ब्रह्मपुरा थाना में सिविल सर्जन ने एफआईआर दर्ज कराई है। एसएसपी ने कहा कि एफआईआर दर्ज होते ही जांच शुरू कर दी गई है।




मुजफ्फरपुर ऑई हॉस्पिटल में 22 नवंबर को ऑपरेशन हुए सभी 65 मरीजों की जांच अब पटना के अस्पतालों में कराया जाएगा। जांच रिपोर्ट के बाद ही किसी की आंख निकाले जाने और इलाज पर निर्णय होगा। डीएम प्रणव कुमार ने कहा है प्रशासन हर एक मरीज से संपर्क कर रहा है। गुरुवार को तीन मरीजों की संक्रमित आंख निकाली जानी थी मगर किसी का भी ऑपरेशन नहीं हो सका। इधर,पटना से पहुंची जांच टीम के अधिकारी ने कहा कि कई स्तरों पर जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट में अस्पताल का दोष सामने आया तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा।


एसकेएमसीएच में इस मामले से जुड़े फिलहाल 21 लोगों का इलाज चल रहा है। तीन लोगों का गुरुवार को ऑपरेशन कर संक्रमित आंख निकाली जानी थी। बरुराज के देवलाल साह को ऑपरेशन के लिए ओटी में ले भी जाया गया मगर अचानक उसे बाहर ले आया गया। पूछने पर डॉक्टरों ने कहा कि अब बाद में ऑपरेशन होगा। आगे के इलाज के संबंध में डीएम ने कहा है कि विशेषज्ञों की सलाह के बाद सभी संक्रमितों की जांच हायर सेन्टर से कराने का फैसला लिया गया है। जांच की रिपोर्ट के आधार पर आगे का इलाज तय किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन हर एक-एक मरीज से संपर्क में है। माना जा रहा है कि इसी फैसले के कारण गुरुवार को ऑपरेशन रोक दिया गया है।


ऑपरेशन में गड़बड़ी मामले की जांच तीन टीम कर रही है। पटना से पहुंची स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. हरिश्चन्द्र ओझा (राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ) ने कहा कि कई स्तरों पर जांच चल रही है। राज्य सरकार पूरे मामले की सीधी मॉनिटरिंग कर रही है। जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई होगी। अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। पूरे मामले पर सीएस डॉ.विनय कुमार ने कहा कि राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जा रही है। सभी संक्रमित मरीजों पर विभाग की नजर है।


तीन टीम जांच में जुटी मगर परिणाम सिफर
पटना से लेकर मुजफ्फरपुर तक की तीन टीम पूरे मामले की जांच कर रही है। पहले दिन एसीएमओ के नेतृत्व में जांच कमेटी बनी थी। बुधवार को पटना में उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई। तीसरी टीम अस्पताल प्रबंधन ने खुद की गठित की। गुरुवार की शाम तक किसी भी जांच टीम ने मुख्यालय का रिपोर्ट नहीं सौंपी है। न ही कोई तथ्य सामने आए हैं।


सभी पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा
सभी पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा। इस संबंध में गुरुवार को राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है। नियमित मामला नहीं होने के कारण इसके लिए मुआवजे का विशेष प्रावधान किया जाएगा। सरकार से आदेश मिलते ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया जाएगा। साथ सभी मरीजों का पटना भेजकर जांच कराने का इंतजाम किया जा रहा है।

प्रणव कुमार,डीएम

INPUT: Hindustan

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