आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में इंफेक्शन मिला है। माइक्रोबायोलॉजी लैब की जांच में यह बात सामने आयी है। रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की जायेगी। आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंख में संक्रमण फैलने पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम बनायी थी।
टीम ने एसकेएमसीएच की माइक्रोबायोलॉजी लैब से दो लोगों को बुलाकर आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थियेटर से नमूने लिये थे। इनकी क्लचर जांच की जानी थी।
जांच रिपोर्ट तीन दिनों में देनी थी। एसकेएमसीएच सूत्रों के अनुसार लैब में ऑपरेशन थियेटर से लिये नमूनों की जांच पूरी हो गयी है। इसे अब जारी कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन की आंतरिक टीम का मानना है कि ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल होनी वाली दवा संक्रमित थी। इसे आंखों में संक्रमण की मुख्य वजह बताई जा रही है।
उपकरण से लेकर दवा तक संक्रमित
माइक्रोबायोलॉजी लैब की जांच में आई हॉस्पिटल की ओटी के उपकरण से लेकर वहां की दवा तक संक्रमित पायी गयी है। सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन में जिस आरएल दवा का इस्तेमाल हुआ, वह भी इंफेक्टेड था। इसी के कारण मरीजों की आंखें खराब हो गयीं। सैंपल जांच में जाने के बाद से ही नेत्र विशेषज्ञ ऑपरेशन थियेटर में चीजों के संक्रमित होने की बात कह रहे थे। ऑपरेशन थियेटर सैनिटाइज्ड नहीं हो पाने से उपकरण संक्रमित हुए और मरीजों की आंख चली गयी।
सेंसिटीविटी टेस्ट के बाद पुख्ता मानी जायेगी रिपोर्ट
एसीएमओ डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह ने बताया कि लैब से लिये गये सैंपल की क्ल्चर के बाद सेंसिटीविटी टेस्ट भी कराया जायेगा। इसके बाद रिपोर्ट को पुख्ता माना जायेगा। शनिवार तक यह रिपोर्ट आयेगी और सोमवार को पूरी रिपोर्ट सामने आयेगी, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। सिर्फ कल्चर रिपोर्ट से ही जांच पूरी नहीं हो जायेगी।
एसीएमओ की जांच टीम ने सौंपी रिपोर्ट
सीएस के निर्देश पर एसीएमओ के नेतृत्व में बनी जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि ऑपरेशन के तुरंत बाद मरीजों की आंख में दर्द की शिकायत मिली। मरीजों का ऑपरेशन 22 को किया गया और अगले ही दिन उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। रिपोर्ट में एसीएमओ ने कहा है कि माइक्रोबायोलॉजी की रिपोर्ट के बाद ही मामले में आगे की जानकारी मिल सकेगी।
संक्रमित दवा के कारण हुआ आंखों में इंफेक्शन
मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल की आंतरिक जांच टीम की गोपनीय रिपोर्ट की मानें तो इसमें ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल होनी वाली दवा को संक्रमित बताया गया है। जांच टीम के सदस्यों की मानें तो संक्रमित दवा के इस्तेमाल के कारण मरीजों की आंख को नुकसान पहुंचा है। आशंका जताई जा रही है एक ही वायल की दवा अधिकतर मरीजों की आंख में डाली गई थी।
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