कोरोना को लेकर अब भी सावधान नहीं हैं तो आप घर परिवार के साथ समाज के लिए खतरा बन सकते हैं। बिहार में अचानक से मौत के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। बीते 48 घंटे में पटना में कोरोना से दो लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार रात पटना के बोरिंग रोड निवासी रिटायर्ड IAS अधिकारी 88 वर्षीय धीरेंद्र कुमार सिन्हा की कोरोना के कारण सांसें थम गई हैं। वह हाल ही में मुंबई से लौटे थे। इसके बाद चेस्ट इंफेक्शन और अन्य बीमारियों की जांच के दौरान कोरोना डिटेक्ट हुआ। तक घर वालों ने पटना AIIMS में भर्ती करा दिया।
AIIMS के डॉक्टरों के मुताबिक, धीरेंद्र को 24 नवंबर को ही भर्ती किया गया था। उन्हें कोरोना के साथ अन्य कई समस्या थी। इलाज चल रहा था, लेकिन कोरोना के कारण सेहत में सुधार नहीं हो रहा था। इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई है। डॉक्टरों का कहना है, ‘कोरोना से बचाव का एक मात्र उपाय मास्क और सोशल डिस्टेंस के साथ कोविड गाइडलाइन का पालन करना ही है। अगर इसमें लापरवाही होती है तो कोरोना का खतरा फिर बढ़ सकता है।’
इधर, सुखद बात है कि बिहार में 47 दिन के बाद शुक्रवार को कोरोना का एक भी नया मरीज नहीं मिला है। कोरोना काल में ऐसा तीसरी बार हुआ है।
2 दिसंबर को नेहरू नगर में हुई थी मौत
पटना के नेहरू नगर के रहने वाले 80 साल के विजय नारायण वर्मा की 2 दिसंबर को पटना AIIMS में मौत हुई थी। जांच के बाद कोरोना की पुष्टि हुई तो उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। कोरोना संक्रमण के कारण शरीर के अंगों पर प्रभाव पड़ रहा था। इस कारण से दिन प्रतिदिन उनकी हालत खराब होती जा रही थी। गुरुवार को उनकी हालत काफी बिगड़ गई, जिससे मौत हो गई थी।
पटना में अब तक 2,783 मौत
बिहार में अब तक कुल 12089 लोगों की मौत हुई है। पटना में सबसे अधिक 2783 लोगों की मौत हुई हैं। इसके बाद मुजफ्फरपुर, नालंदा, पूर्वी चंपारण, मधुबनी का नंबर है। कोरोना से मौत का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
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