अब आंख के मरीजों को SKMCH में भर्ती नहीं किया जाएगा। उन्हें सीधे पटना के IGIMS (Indira Gandhi Institute of Medical Sciences) भेजा जाएगा। इसकी पहल स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी है। सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया कि जिन 65 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपेरशन किया गया था, उनसे संपर्क किया गया है। इनमें से कइयों ने आंख से पानी निकलने और नहीं दिखने की शिकायत की है। उन सभी के घर पर एंबुलेंस भेजकर IGIMS भेजने की तैयारी की जा रही है। उन्हें सदर अस्पताल आने की जरूरत नहीं है।
अब तक 12 मरीजों को कराया गया है IGIMS में भर्ती
अब तक 12 मरीजों को IGIMS भेजा गया है। जबकि 12 मरीजों का इलाज SKMCH में चल रहा है। SKMCH अधीक्षक डॉ. बीएस झा ने बताया कि मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है। अगर उनका घाव ठीक हो जाएगा तो हॉस्पिटल से शीघ्र ही छुट्टी मिल जाएगी। मरीजों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। वहीं, सिविल सर्जन भी पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। फिलहाल SKMCH में भर्ती मरीज खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
7 जिलों के CS से भी साधा जा रहा संपर्क
इसके अलावा सात जिलों के सिविल सर्जन से भी सम्पर्क साधा गया है। क्योंकि वहां के भी मरीजों ने आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपेरशन करवाया था। उन सभी मरीजों से जानकारी लेने को कहा गया है। अगर उनकी आंखों में भी तकलीफ होगी तो वहीं से उन्हें सीधे IGIMS भेजा जाएगा। हालांकि, अब तक कोई ऐसे मामले नहीं आए हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग पूरी एहतियात बरत रहा है। इन सात जिलों में समस्तीपुर, खगड़िया, बेतिया, बगहा, शिवहर समेत अन्य हैं।
बंद लिफाफे में सौंपी रिपोर्ट
SKMCH से बंद लिफाफे में रिपोर्ट सिविल सर्जन को भेज दी गई है। इसे आज जांच कमेटी में शामिल सदस्यों के समीप खोला जाएगा। OT में किस प्रकार का संक्रमण था। यह रिपोर्ट खुलने के बाद पता लगेगा। इसमें काफी गोपनीयता बरती जा रही है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो संक्रमण OT से ही फैला था। अब दवाइयां संक्रमित थीं या उपकरण ये रिपोर्ट खुलने के बाद ही सामने आएगा।
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