आज विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम और माता जानकी का विवाह है। जनकपुर का एक-एक घर जश्न में डूबा है। श्री सीताराम महोत्सव का पहला न्योता (कार्ड) गणेश भगवान को दिया गया है। इसके बाद श्री राम मंदिर, धनुषा धाम एवं अन्य धार्मिक स्थल के महंत को न्योता दिया गया। जनकपुर के सीएम, नगरपालिका, वरीय अधिकारी, व्यावसायिक संस्था, समाज सेवी, स्वयं सेवी संस्थाओं, वरिष्ठ डॉक्टर को न्योता दिया गया। अयोध्या, जगन्नाथपुरी, भोपाल, मुम्बई, दिल्ली समेत अन्य महानगरों के महंत भी इस विवाहोत्सव के साक्षी बनेंगे। इसमें 10 लाख से अधिक श्रद्धालु भाग लेंगे।
जनकपुर से ही खरीदा गया शृंगार का सामान : शादी में मां सीता की सजावट के लिए शृंगार के समान की खरीदारी जनकपुर शहर से ही की गई है। इसकी तैयारी कारीगरों ने कई महीने पहले से तैयारी की है।
धर्मशाला के अलावा हाेटलाें में ठहरेगी बारात
बारात को ठहराने के लिए मंदिर परिसर के अलावा जनकपुर स्थित विभिन्न धर्मशाला व जनकपुर के हाेटलाें में व्यवस्था की गई है। श्री राम मंदिर के महंत श्री राम गिरी एवं अन्य धार्मिक स्थलों के महंत एवं उनके सहायक दिन-रात बारात एवं मेहमानों को स्वागत करने में जुटे हैं। वैसे पूरे जनकपुर वासी बारात एवं बाहर देश विदेश से आये मेहमानों के स्वागत में जुटे हैं। मेहमान भी इस विवाहोत्सव को भरपूर आनंद ले रहे हैं।
त्रेता युग की तर्ज पर की जाएगी मां सीता की विदाई
मां सीता की विदाई त्रेता युग की तर्ज पर कल की जाएगी। नम आंखों व हर्ष के साथ जगत जननी सीता की विदाई का आयोजन होता है। मंदिर के पुरोहितों व कमिटी के सदस्यों के परिजन को ही जगत जननी सीता एवं पुरुषोत्तम भगवान राम का प्रतिरूप बनाया गया है। श्रद्धालु उन्हें भगवान राम व सीता मानकर पूजा-अर्चना करते है। बारात अयोध्या से आई है। त्रेता युग से ही जनकपुर में सीता राम विवाहोत्सव मनाया मनाया जाता है। इसमें देश विदेश के श्रद्धालु भाग लेते हैं।
नेपाल ही नहीं, भारत के हलवाई भी 56 भोग बनाने में शामिल
साधु संतों के लिए मंदिर परिसर में ही भोजन पवित्रता के साथ तैयार किया गया है। जनकपुर में कई जगहों पर श्रद्धालुओं एवं मेहमानों के लिए भंडारा लगा है। स्थानीय हलवाई के अलावा भारत के हलवाई भी भगवान के लिए छप्पन भोग के अलावा बारात के लिए पूड़ी-मिठाई, सब्जी व अन्य पकवान बनाने में जुटे हैं।