मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बुधवार को पहली बार नगर डीएसपी रामनरेश पासवान व ब्रह्मïपुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता एसकेएमसीएच पहुंचे और मरीजों से पूछताछ की।
इसके बाद इनका बयान दर्ज किया गया। नगर डीएसपी ने कहा कि पीडि़त मरीजों का बयान लिया गया है। जांच अधिकारी इसे केस डायरी में अंकित करेंगे। भरत पासवान ने बताया कि बड़े अरमान से आंख का आपरेशन कराया कि रोशनी लौटेगी। जिस आंख से दिखता था वह संक्रमण से निकालनी पड़ी। पांव चल जाए तो कोई बात नहीं, लेकिन आंख चली गई अब जीवन व परिवार को कैसे चला पाएंगे? पन्ना देवी ने बताया कि आपरेशन के बाद आंख में दर्द होने लगा।
दो दिन बाद मवाद व पानी गिरने लगा। परेशानी बढ़ी तो यहां आईं। इसके बाद आंख निकालनी पड़ी। मालूम हो कि मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में 22 नवंबर को 65 मरीजों का मोतियाबिंद का आपरेशन हुआ था। इनमें अबतक 15 मरीजों की एक-एक आंख निकालनी पड़ी है। 12 पीडि़तों का एसकेएमसीएच में उपचार चल रहा है। वहीं, 16 मरीजों को आइजीआइएमएस पटना भेजा गया है।
सात दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं, पर्यवेक्षण रिपोर्ट का इंतजार
आई हास्पिटल मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के सात दिन बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। केस के जांच अधिकारी ब्रह्मïपुरा थानाध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि वरीय अधिकारी की पर्यवेक्षण रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैैं। सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है। साक्ष्य का संकलन किया जा रहा है। पर्यवेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद ही गिरफ्तारी की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि आई हास्पिटल में आपरेशन के दौरान कई लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराकर रिपोर्ट के आधार पर दो दिसंबर को ब्रह्मïपुरा थाने में चिकित्सक समेत 14 पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। सात दिन बीतने के बाद भी पुलिस अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है। इससे पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैैं। हालांकि नगर डीएसपी रामनरेश पासवान का कहना है कि मामला गंभीर है। जांच कर सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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