शहर में स्मार्ट सिटी मिशन का काम भी शुरू हो चुका है। पर, नगर निगम, एनबीपीडीसीएल, बुडको, पीएचईडी, पथ निर्माण विभाग व स्मार्ट सिटी एजेंसी में तालमेल नहीं हाेने से कराेड़ाें रुपए का पानी में बहना तय है। स्थिति ताे यह है कि जाे काम शुरू हुआ है उसे लेकर भी आपस में बात करने के लिए संबंधित विभागाें के अधिकारी तैयार नहीं हैं।
इस मिस काे-ऑर्डिनेशन की वजह से कहीं बन रही सड़क टूटेगी ताे कहीं लगाए जा रहे बिजली केबल व पाेल हटेंगे। बिछाई जा रही जलापूर्ति पाइपलाइन के लीकेज हाेने पर 33 कराेड़ से बननेवालीं सड़कें ताेड़नी पड़ेंगी। कंपनीबाग में नए-नए बिजली पाेल लगा 10 से 12 कराेड़ रुपए खर्च कर तैयार की गईं 10 नई लाइनाें काे शिफ्ट करना पड़ेगा। कई निर्माणाधीन राेड-नालाें पर सवाल उठने के बावजूद उनका काम अभी राेका नहीं जा रहा, जबकि बनने के बाद उन्हें भी ताेड़ना पड़ेगा।
पथ निर्माण विभाग अभी 40 करोड़ रुपए की लागत से शहर में 3 सड़कें बना रहा है। 42 करोड़ की लागत से निगम क्षेत्र में जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इसमें भी मॉनिटरिंग की कमी है। वार्ड 7 में बीबीगंज रेलवे गुमटी के पास सरकारी जमीन साइड से 12 से 14 फीट छोड़कर जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाई जा रही है। ठीक उसके ऊपर 15 दिन बाद 12 कराेड़ रुपए की लागतवाली सड़क की ढ़लाई होगी। यहां भी तालमेल की कमी से इस सड़क के बनने के बाद पाइप लीकेज होने पर ताेड़े जाने का खतरा रहेगा। उधर, टाउन थाना से तिलक मैदान रोड होते हुए अखाड़ाघाट तक स्मार्ट सिटी मिशन से 20 करोड़ 73 लाख रुपए की लागत से सड़क बननी है। तिलक मैदान रोड में भी इसी तरह से पाइपलाइन बिछाई गई है। सड़क चौड़ीकरण की स्थिति में इसे भी तोड़ने की मजबूरी होगी।
स्मार्ट सिटी मिशन से शुरू हुए काम में भी तालमेल की दिख रही है कमी
स्मार्ट सिटी के 38.75 करोड़ से बैरिया से जंक्शन तक सड़क-नाला निर्माण व बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर अंडरग्राउंड समेत टाउन थाना से सरैयागंज-अखाड़ाघाट व टाउन थाना से हरिसभा चौक तक बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर अंडरग्राउंड होंगे। इसमें एक किमी की शिफ्टिंग पर एक-सवा करोड़ खर्च हैं। डीएम कोठी रोड में हाल में डिवाइडर पर नए पोल लगा 10 लाइनें लगी हैं। यहां भी नाले बन रहे। एनबीपीडीसीएल अधिकारी कहते हैं कि इन लाइनाें काे हटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जबकि, स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारी कहते हैं- वे जहां भी काम करेंगे कोई भी केबल सड़क पर नहीं दिखेगा।
सबका मकसद जलजमाव का निदान फिर भी बेतरतीब तरीके से बन रहे नाले
बुडको, नगर निगम, आरसीडी अलग-अलग ड्रेनेज बना रहे। सबका मकसद जलजमाव का समाधान है। लेकिन, आपस में को-आर्डिनेशन नहीं। इस कारण कहीं ऊंचे ताे कहीं नीचे नाले बन रहे हैं। एेसे में शहर से पानी का बहाव हाेना इस बार भी मुश्किल हाे सकता है। 12 करोड़ की लागत से ब्रह्मपुरा से भामाशाह द्वार तक राेड-नाला बनना है। नगर निगम आपत्ति जता चुका है। अब जाकर बुडको व आरसीडी में बात हो रही है। इसी तरह 29 करोड़ की लागत से नवयुवक समिति ट्रस्ट से मस्जिद चौक तक राेड-नाला बन रहा। हाथी चौक से आगे कई बार सवाल उठ चुके हैं, पर निर्माण में काेई संशाेधन नहीं हुआ है।
बाेले जिम्मेदार
विभागों के आपस में तालमेल के बिना नाला बनाने से फिर झेलनी होगी परेशानी : मेयर
मेयर ईं. राकेश कुमार ने कहा कि बिना कोआर्डिनेशन और लेवल लिए नाला बनाया जा रहा है। इसका खामियाजा फिर शहर के लोगों को भुगतना पड़ेगा। कई साल पहले के पथ निर्माण विभाग के नाले के डिजाइन में ही हर जगह एक मीटर चौड़ा नाला बनाया जा रहा है। जबकि, अभी की आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से नाला बनना चाहिए। गरीब स्थान राेड, मिठनपुरा समेत शहर के कई इलाकाें में बिना लेवल अब भी नाले बन रहे हैं। कोई भी डिपार्टमेंट नाला बनाए, बाद में सफाई निगम को ही करानी हाेगी। इसलिए वरीय अधिकारियों से बात की जाएगी।
आरसीडी अधिकारी बोले, बगैर एनओसी बिछाई जा रही है पाइपलाइन
पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ई. अंजनी कुमार का कहना है कि जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाने के लिए एनओसी नहीं लिया जा रहा है। इसकी वजह से एेसी परेशानी हो रही है। बीबीगंज गुमटी के पास अगर इस कदर पाइपलाइन बिछाई गई है ताे वह गलत है।
बिजली अधिकारी ने कहा, एनबीपीडीसीएल का काम पहले से हो रहा
एनबीपीडीसीएल के कार्यपालक अभियंता राजू कुमार का कहना है कि हमारा काम पहले से हाे रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर भी पहले से तैयार है और हो रहा। 20% काम स्मार्ट सिटी इलाके में हुआ है। स्मार्ट सिटी का काम अपनी गति से होगा। एनबीपीडीसीएल के काम की रफ्तार तेज है।
INPUT: Bhaskar