मुजफ्फरपुर। शौचालय बंदोबस्ती में गड़बड़ी पर दरभंगा के मेयर को पदमुक्त किए जाने के बाद मुजफ्फरपुर नगर निगम में हुए डस्टबिन व सुपर शकर मशीन घोटाले में भी कार्रवाई करने के लिए आवाज उठने लगी है।
दोनों मामलों में कार्रवाई नगर आयुक्त व नगर विकास विभाग के बीच लंबित है। कई वार्ड पार्षदों ने मांग की है कि दरभंगा की तरह मुजफ्फरपुर में भी हुए इन घोटालों में कार्रवाई की अनुशंसा की जाए।
वर्ष 2019 में ऑडिट के दौरान कूड़ा कलेक्शन के लिए निगम में हुई डस्टबिन की खरीद में अनियमितता उजागर हुई थी। महालेखाकार की टीम ने बताया था कि इसमें 74.25 करोड़ की अनियमितता की गई है। ऑडिट टीम की आपत्ति के बावजूद निगम ने अबतक कोई कार्रवाई नहीं की है। महालेखाकार ने सुपर शकर मशीन खरीद में भी ढाई करोड़ की अनियमितता पकड़ी थी। दो मामलों में निगम व नगर विकास विभाग के स्तर पर ही फाइल अटकी है। इसके अलावा ऑडिट टीम ने ऑटो टिपर खरीद में भी गड़बड़ी पकड़ी थी।
वार्ड पार्षद राकेश सिन्हा पप्पू का कहना है कि दरभंगा में अधिकारियों ने तुरंत न्याय कर दिया। मुजफ्फरपुर नगर निगम में भी हुए घोटालों में कार्रवाई होनी चाहिए। डस्टबिन व सुपर शकर मशीन घोटाले में कार्रवाई निगम व विभाग के स्तर पर नहीं की जा रही है। इन दोनों मामलों में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। वार्ड पार्षद राजीव कुमार पंकू ने कहा कि वे अधिकारियों से मांग करेंगे कि महालेखाकार द्वारा पकड़ी गई गड़बड़ी पर उचित कार्रवाई करें। कार्रवाई में देरी होने से लोगों में संकेत जाता है कि अधिकारी इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं।
ऑटो टिपर घोटाला निगरानी कोर्ट में
ऑडिट टीम ने ऑटो टिपर खरीद में भी गड़बड़ी पकड़ी थी और उसपर अपनी गहरी आपत्ति जताई थी। ऑटो टिपर घोटाले की सुनवाई निगरानी कोर्ट में चल रही है। वार्ड पार्षद राकेश सिन्हा पप्पू ने बताया कि ऑटो टिपर घोटाले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। उसमें कोर्ट अब चार्ज फ्रेम कर सकता है।
डस्टबिन व सुपर शकर मशीन के मामले में महालेखाकार को कंप्लायंस भेजा गया है और उसकी रिपोर्ट नगर विकास विभाग को भी भेजी गई है। विभागीय निर्देश आने पर इस मामले में जरूर कार्रवाई की जाएगी।
-विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त
INPUT: Hindustan