राजगीर में मनाएं पैसा वसूल हॉलिडे; ग्लास ब्रिज है आकर्षण का केंद्र, यहां हैं 27 दर्शनीय स्थल

कुछ दिनों बाद क्रिसमस की छुट्टियां हैं। फिर नव वर्ष का आगमन। ऐसे में यदि आप अपनी छुट्टियां प्रकृति की गोद में बिताना चाहते हैं तो पर्यटक नगरी राजगीर आना न भूलें। यहां दर्शनीय स्थलों की लंबी शृंखला है। बेहतरीन स्थापत्य कला के मंदिर हैं। महाभारत कालीन कृष्ण चक्र रथ चिह्न हैं तो मगध सम्राट जरासंध से जुड़े कई अवशेष यहां की धरा पर अब भी हैं। पंच पहाड़ियों के बीच आनंद ही आनंद है।




हाल के दिनों में यहां के दर्शनीय स्थलों में कई नए आयाम जुड़े हैं। जू सफारी, नेचर सफारी और ग्लास ब्रिज का आकर्षण ऐसा कि हर दिन पर्यटकों की भारी भीड़ जुट रही हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए पाण्डुपोखर है तो ठंड से राहत पाने के लिए गर्म कुंड। राजगीर से करीब 8 किलोमीर दूर भगवान महावीर की निर्वाण भूमि पावापुरी है। 84 बीघे के तालाब में बना जल मंदिर का दर्शन भी कर सकते हैं, जबकि 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष का दीदार भी कर सकेंगे तो देर किस बात की। प्लान बनाएं और पहुंचे राजगीर।


आने के लिए रेल और सड़क मार्ग
आप सड़क या रेल मार्ग से राजगीर आसानी से पहुंच सकते हैं। नजदीक के एयरपोर्ट पटना और गया में है। सड़क मार्ग से पटना से राजगीर की दूरी करीब 120 किमी तो गया से 100 किमी है। यात्री बसें चलती हैं या फिर प्राइवेट कार भाड़ा पर लेकर आप यहां आ सकते हैं। पटना से कई ट्रेनें बख्तियारपुर होकर राजगीर आती हैं। दिल्ली-राजगीर के बीच श्रमजीवी एक्सप्रेस भी चलती है।


पटना के गांधी मैदान से बिहार परिवहन की इलेक्ट्रिक बस राजगीर आती है, जिसका किराया 125 रुपए है तो वहीं पटना से राजगीर के लिए ट्रेन का किराया 60 रुपए है। बोधगया से राजगीर सड़क मार्ग से आ सकते हैं, जिसका किराया 100 रुपए है।

ठहरने के लिए 400 से 5,000 तक के कमरे
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में छोटे-बड़े होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशालाएं मिलाकर करीब 100 ठहरने के स्थल हैं। तीन सितारा होटलों में कमरे 3000 से 6000 रुपए तक मिल जाएंगे। 400 से 500 रुपए में छोटे होटलों में रह सकते हैं। इससे कम खर्च करना चाहते हैं तो धर्मशाला में रात्रि विश्राम कर सकते हैं।


तांगे से करें वादियों की सैर
राजगीर के पर्यटक स्थलों पर घूमने के लिए कार, तांगे और ऑटो रिक्शा मिलेगा। होटल वाले आपको आसानी से उपलब्ध करा देंगे। पंच पहाड़ियों के बीच वादियों का सैर तांगे से करने का आनंद ही कुछ और है। तांगे वाले 500 से 700 तक किराया लेते हैं। दर्शनीय स्थलों पर सरकारी स्तर से टूरिस्ट गाइड तैनात नहीं हैं।


विदेश से या अन्य प्रदेशों से आने वाले सैलानी बोधगया से ही गाइड को अपने साथ राजगीर लाते हैं। कुछ स्थानीय गाइड राजगीर में मौजूद हैं, जो बिहार या अन्य प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों को राजगीर की जानकारियां देते हैं। प्राइवेट गाइड 1500 से 2000 रुपए तक लेते हैं।


सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
पर्यटकों की सुरक्षा के लिए राजगीर में बिहार पुलिस की दो कंपनियां तैनात की गई हैं, जो लगातार पहाड़ों पर गश्त करते रहती है। वहीं, पर्यटक मित्र के नाम से दो गश्ती वाहन हमेशा टूरिस्ट स्पॉटों पर नजर रखती है। घूमने वाले स्थलों पर राजगीर थाना का मोबाइल नंबर चिपकाया हुआ है। ताकि, पर्यटक अगर घूमने के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत का सामना करते हैं तो पुलिस से संपर्क कर सकते हैं। नेचर सफारी की सुरक्षा के लिए अलग से ओपी का निर्माण कराया गया है।


राजगीर के दर्शनीय पर्यटक स्थल

नेचर सफारी, जू सफारी, घोड़ाकटोरा झील, आकाशीय रज्जुमार्ग (रोपवे), शांति स्तूप, गृद्धकूट पर्वत, जीवक आम्रवन, श्रीकृष्ण रथ चक्र चिह्न, साइक्लोपियन वाल, बिम्बिसार कारागार
मनियार मठ, जयप्रकाश उद्यान, सोन भंडार, जरासंध अखाड़ा, गर्म कुंड,पाण्डुपोखर पार्क
वेल्वा डोव तालाब, बाबा सिद्धनाथ मंदिर, सप्तपर्णी गुफा, पिप्पल गुफा
वेणुवन, मृगविहार पार्क, नौलखा मंदिर, जापानी मंदिर
इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, हेरिटेज म्यूजियम, गुरुद्वारा

INPUT: Bhaskar

Share This Article.....

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *