मुजफ्फरपुर जिले में छह साल पहले हुए 75 करोड़ रुपए के धान घोटाले की जांच में सूबे के बहुचर्चित चारा घोटाले की तर्ज पर चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आई हैं। धान ढुलाई करने वाले वाहनों के सत्यापन में पता चला कि एक मामले में 169 क्विंटल धान स्कूटर पर लादकर महज एक दिन में पश्चिम बंगाल के मिल तक पहुंचा दी गई।
मुजफ्फरपुर जिले के अलग-अलग थानों में दर्ज धान घोटाले के 27 केस की जांच सीआईडी की निगरानी में चल रही है। मामले में यह बड़ा गोलमाल उजागर हुआ है।
पश्चिम बंगाल के रायगंज फूडग्रेन प्रोडक्ट्स के मालिक संजय भौमिक, दिलीप कुमार भौमिक और सुपर्ना दास भौमिक पर वर्ष 2015 में राज्य खाद्य निगम के तत्कालीन प्रबंधक आशुतोष कुमार की ओर से 7.97 करोड़ रुपए के घोटाले की मामला दर्ज कराया गया था। केस की जांच काजी मोहम्मदपुर थाने के दारोगा शंभूनाथ झा कर रहे हैं।
2014 में खरीदी गयी गाड़ी से 2013 में हुई धान की ढुलाई!
सीआईडी एसपी ने रायगंज फूडग्रेन प्रोडक्ट्स में वर्ष 2012-13 में 55 हजार 383 क्विंटल धान ढुलाई करने वाली गाड़ियों की जांच के निर्देश दिए थे। आईओ ने पाया कि पश्चिम बंगाल के इस मिल में वर्ष 2013 की अलग-अलग तिथियों पर 211 वाहनों से 55 हजार 383 क्विंटल धान भेजी गई। धान का उठाव जिले के अलग-अलग क्रय केंद्रों से इन वाहनों से किया गया था। इसमें बेगूसराय जिला परिवहन कार्यालय से निबंधित वाहन नंबर बीआर-09 पी 6139 नंबर पर भी धान भेजे जाने का जिक्र है। इसकी जांच में सामने आया कि यह गाड़ी बेगूसराय के कैलाश पासवान के नाम से निबंधित है। गाड़ी का प्रकार मोटरसाइकिल/स्कूटर बताया गया है। इसका निबंधन 28 मई 2014 को हुआ था। इस तरह, निबंधन से एक साल पहले ही इस बाइक या स्कूटर से 169 क्विंटल धान पश्चिम बंगाल के मिलर को पहुंचाना दिखाकर गड़बड़ी की गई।
ट्रैक्टर और पिकअप वैन पर ट्रक हुआ जितना लदान
इसके अलावा, मुजफ्फरपुर जिला परिवहन कार्यालय से मिले प्रतिवेदन से स्पष्ट हुआ है कि मोतीपुर निवासी रमेश पांडेय के पिकअप नंबर बीआर-06 जीए 8413 से 15 जुलाई को 196 क्विंटल, मधुबनी निवासी राम परीक्षण महतो की पिकअप वैन नंबर बीआर-06जीए 3996 से 7 जुलाई 2013 को 214 क्विंटल और अवधेश राय के ट्रैक्टर से 10 अगस्त 2013 को 220 क्विंटल धान पहुंचाई गई है। इन वाहनों पर जितनी धान लादी गई उतनी किसी ट्रक में ही लादा जाना संभव है। आईओ शंभूनाथ झा ने बताया कि धान घोटाले में पैक्स, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सहकारिता पदाधिकारी, वाहन मालिकों आदि का सत्यापन चल रहा है। उन्हें भी आरोपित करने के प्रमाण जुटाए जा रहे हैं।
कहते हैं एसएसपी
जिले में लंबित चल रहे धान घोटाले से जुड़े सभी केसों की जांच सीआईडी के पर्यवेक्षण में किए जा रहे हैं। सीआईडी से मिले सभी बिंदुओं पर संबंधित कांड के आईओ जांच कर रहे हैं। विभाग से मिले कागजातों के आधार पर साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं। -जयंतकांत, एसएसपी
विभिन्न थानों में दर्ज हैं 27 केस
मुजफ्फरपुर जिले में अलग-अलग थानों में धान घोटाले के 27 केस दर्ज हैं। 75 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले की आशंका है। जांचकर्ताओं के अनुसार इतने बड़े घोटाले में केवल मिल मालिक शामिल नहीं हो सकते। इसमें सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है। कई तत्कालीन बीडीओ और सीओ जांच के दायरे में हैं। विभागीय अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाकर उन्हें भी आरोपित बनाया जा रहा है।
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