मुजफ्फरपुर। जल संरक्षण की दिशा में तिरहुत दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ (तिमुल) ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। प्रतिदिन दो लाख लीटर पानी की बर्बादी नहीं हो, इसके लिए दो बड़े तालाब का निर्माण कराने की योजना है।
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इसके लिए कांटी स्थित इकाई के परिसर में जमीन चिह्नित की गई है। 2700 एवं 3500 वर्गमीटर के दो तालाबों के निर्माण के लिए तिमुल के एमडी एचएन सिंह ने प्रखंड एवं जिला स्तर के प्रशासनिक पदाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि दोनों तालाबों को सरकार की किसी योजना खासकर जल-जीवन-हरियाली में शामिल कर लिया जाए। तालाब निर्माण के साथ इसके चारों ओर पौधारोपण भी किया जाएगा। इसके अलावा इसका सुंदरीकरण भी होगा।
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उपयोगिता नहीं होने से बर्बाद हो जाता पानी
तिमुल की इकाई में दुग्ध प्रसंस्करण के दौरान प्रतिदिन दो लाख लीटर पानी डिस्चार्ज होता है। एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) से इसे साफ किया जाता है। उपयोगिता नहीं होने से पानी बर्बाद हो जाता है। इससे रोकने के लिए ही यह योजना बनाई गई है। एमडी ने कहा, फोरलेन बनने के बाद इकाई से पानी का बहाव बाहर नहीं हो पाता है। इसे देखते हुए यहां एक ईटीपी से पानी को साफ किया जाता है। पानी को टैंकर से जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाता है। 60 लाख की लागत से एक और ईटीपी लगाया जाना है। जरूरतमंदों को उपलब्ध कराने के बाद भी बड़ी मात्रा में बचे पानी को संरक्षित करने की जरूरत है।
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बेहतर होगा इलाके का जलस्तर
कांटी परिसर में एक तालाब पहले से है। परिसर के उत्तरी भाग में दो बड़े तालाब के निर्माण से जल का संरक्षण हो सकेगा। इससे क्षेत्र का जलस्तर भी बेहतर होगा। प्रशासन को जल-जीवन-हरियाली में इस योजना को शामिल करने का आग्रह किया गया है। स्वीकृति हो जाने पर तुरंत काम शुरू हो जाएगा। सरकारी योजना में शामिल नहीं किया गया तो तिमुल अपने स्तर से इसे पूरा करेगा।





INPUT:JNN
