SKMCH के जूनियर डाक्टर व MBBS इंटर्न सोमवार से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए। सोमवार दोपहर में अधीक्षक कार्यालय के पास प्रदर्शन कर अपने मांग पत्र को सौंपेंगे। हड़ताल के कारण इमरजेंसी सेवा चल रही है। लेकिन आउटडोर सेवा चालू कराने के लिए भी पहल जारी है।
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अपनी पांच मांगों के समर्थन में इस बार वे ओपीडी के साथ इमरजेंसी और सर्जरी में भी योगदान नहीं देंगे। कार्य बहिष्कार कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि बिहार जूनियर डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. कुंदन सुमन के नेतृत्व में SKMCH सहित पूरे बिहार में हड़ताल किया गया है।
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पूर्व ही इस कार्य बहिष्कार की सूचना SKMCH के प्राचार्य, अधीक्षक को दी गई है। सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं कर रही है। इंटर्न छात्रों ने मानदेय 15 हजार से 24 हजार करने के लिए अक्टूबर में कार्य बहिष्कार भी किया था। स्वास्थ्य विभाग के आश्वासन पर उसे एक दिन में ही खत्म कर दिया गया।
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इसके अलावा कोरोना काल के एक माह का अतिरिक्त मानदेय प्रोत्साहन राशि के रूप में देना, पीजी कोर्स के बाद एक साल की नौकरी के बांड से मुक्ति का मामला सभी पूर्व से स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में हैं। बार-बार आग्रह करने के बावजूद सरकार इन मामलों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रही है। मांग पूरा नहीं हुआ तो आंदोलन जारी रहेगा।
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यह है मांगें…
– कोरोना द्वितीय लहर के दौरान घोषित प्रोत्साहन राशि जूनियर डाक्टरों व इंटर्न को अबतक नहीं मिली है।
– इंटर्न छात्रों के स्टाइपेंड जिसे जनवरी 2020 में पुनरीक्षित किया जाना है था, उसे तुरंत 15 से बढ़ाकर 24 हजार किया जाए।
– एमडी-एमएस डिप्लोमा करने वाले छात्रों का यदि हायर कोर्स में नामांकन होता है तो उन्हें सरकारी अस्पताल में एक साल काम करने के बांड से मुक्त किया जाए या स्टडी लीव दी जाए।
– बांड के तहत सभी को समान पद पर पदस्थापित किया जाए। नीट पीजी काउंसलिंग जल्द हो, इसके लिए बिहार सरकार, केंद्र से बात करें।
– नीट पीजी में देरी से उत्पन्न डाक्टरों की कमी दूर करने के लिए नन एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट की बहाली की जाए।
– सरकार उनकी मांगों पर समय सीमा के अंदर विचार करें नहीं तो हड़ताल जारी रहेगा।





INPUT: Bhaskar
