मुजफ्फरपुर। नगर निगम की आमदनी बढ़ाने के लिए शहरवासियों पर पानी का टैक्स लगाने की तैयारी है। वहीं, निगम में फिजूलखर्ची व लापरवाही से हो रही पैसे की बर्बादी की कोई चिंता निगम प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को नहीं है।
![]()

![]()
![]()
अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि निगम को प्रत्येक माह करीब एक करोड़ रुपये का बिजली बिल आता है। इसमें से 20 लाख का बिल दिन में स्ट्रीट लाइट ऑन छोड़ देने के कारण जेनरेट होता है। बिजली की इस बर्बादी के बीच पानी पर टैक्स की तैयारी को लेकर निगम की राजनीति में सुगबुगाहट शुरू हो गई है। निगम बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर हंगामा खड़ा हो सकता है।
![]()
![]()
बिजली विभाग से नगर निगम को हर माह करीब एक करोड़ रुपये का बिल आता है। इसमें शहर में जलने वाली 14672 एलईडी स्ट्रीट लाइटों का ही बिल करीब 50 लाख रुपये होता है। निगम के कर्मियों के मुताबिक, ये बल्ब अगर शाम से सुबह तक 12 घंटे जलाए जाए तो स्ट्रीट लाइट का बिल घटकर 30 लाख रुपये रह जाएगा। सुबह स्ट्रीट लाइट की बत्ती ऑफ न करने के कारण ही शहरवासियों को प्रतिमाह करीब 20 लाख रुपये का बोझ ढोना पड़ रहा है। इसके बावजूद शहर की गली-मोहल्लों से लगातार स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायतें मिलती रहती हैं। स्ट्रीट लाइटों में मेंटेनेंस पर कोई काम नहीं होता है।
![]()
![]()
ईईएसएल करार के अनुसार नहीं कर रही काम
शहर में स्ट्रीट लाइट का टेंडर ईईएसएल कंपनी को वर्ष 2018 में दिया गया था। करार सात वर्षों के लिए हुआ था, जिसकी लागत करीब सात करोड़ रुपये है। करार के तहत शहर में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगानी थी और इसकी देखरेख करनी थी। इसके तहत एक कंट्रोल पैनल बनाना था। शहर के सभी स्ट्रीट लाइट को फाइव कोर वायर से जोड़ा था। इस एक फाइव कोर वायर से सभी स्ट्रीट लाइट का स्विच जोड़ना था। तय हुआ था कि शाम छह बजे एक बार स्विच ऑन करते ही शहर की सारी लाइट जला दी जाएगी। सुबह छह बजे कंट्रोल पैनल से स्विच दबाकर एक साथ सबको ऑफ कर दिया जाएगा। ईईएसईएल कंपनी ने न तो कोई कंट्रोल पैनल बनाया और न ही फाइव कोर वायर लगाए। तुर्रा यह कि अबतक इस बीच कंपनी को स्ट्रीट लाइट के रख-रखाव आदि के नाम पर 1.87 करोड़ का भुगतान भी कर दिया गया।
![]()
![]()
स्ट्रीट लाइट का रखारखाव करने वाली एजेंसी को चेतावनी दी गई है। निगम बोर्ड की बैठक में उसका करार रद्द करने पर विचार किया जाएगा। एजेंसी को अबतक 1.87 करोड़ भुगतान किया गया है। करार के अनुसार एजेंसी का कार्य संतोषप्रद नहीं है।
– विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त





INPUT:Hindustan
