Muzaffarpur: पंचायत में साली ने मारा थापार, तो जीजा ने कर दी हत्या, गिरफ्तारी के बाद भी आरोपित को नही है पछतावा

मुजफ्फरपुर: 17 साल की नाबालिग साली के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या करने वाले बहनोई की निशानदेही पर कटरा पुलिस ने गुरुवार को चांदी का पायल ताजपुर आभूषण दुकान में बरामद किया। आरोपित बहनाेई के घर से भी एक जोड़ा पायल बरामद किया। यह दोनों पायल साली की हत्या करने के बाद घर से लूट कर अाराेपित भाग निकला था। कोर्ट से इजाजत लेकर शुक्रवार को आरोपित का ब्लड सैंपल भी पुलिस लेगी। ताकि मुकम्मल सजा दिलाने में पर्याप्त वैज्ञानिक साक्ष्य मिल सके। मृतका के बड़े भाई ने आरोपी बहनोई को फांसी की सजा देने की मांग की है।




कटरा थाना क्षेत्र के एक गांव में आरोपित शौकत ने अपनी सगी साली के घर में घुसकर मंगलवार की रात दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी। साली के सभी परिवार वाले दरभंगा हॉस्पिटल गए थे। इसी दौरान प्लानिंग के तहत ससुराल पहुंच कर उसने घटना को अंजाम दिया। साली के दम तोड़ने के बाद उसके डेड बॉडी से भी रेप किया। यह सब शौकत महज इसलिए किया कि उसकी बीवी से उसका अनबन चल रहा था। भरी पंचायत में साली ने दो माह पहले थप्पड़ जड़ा था। पति- पत्नी में शादी का रिश्ता टूट चुका है। पूछताछ के दौरान शौकत ने कटरा थाना अध्यक्ष ललित कुमार को बताया कि वह ससुराल से ऑटो लेकर बेनीबाद पहुंचा।


6 किलोमीटर पैदल चलकर रात 9.30 बजे ससुराल गया। नाबालिग साली को काबू में कर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसका दांत तोड़ दिया। घर में रखे लोढ़ा से सिर पर हमला कर मौत की नींद सुला दी। इसके बाद फिर रेप किया। पुलिस को डायवर्ट करने के लिए घर में रखा 2 जोड़ी पायल मोबाइल समेत कुछ अन्य सामान लेकर भाग निकला।


एसएसपी जयंत कांत की दिशा-निर्देश में डीएसपी पूर्वी मनोज पांडेय व थाना अध्यक्ष ललित कुमार ने महज कुछ घंटे में पूरे घटना की गुत्थी सुलझाने के साथ प्रयास भी एकत्रित कर लिया है। दुष्कर्म के दौरान जो कपड़ा आरोपित पहना था। उस कपड़ा की बरामदगी हुई है। जिस लोढ़ा से हत्या की गई वह भी बरामद है। घर से लूटा गया मोबाइल व गहना भी जब्त कर ली गई है। फॉरेंसिक जांच भी हो चुका है। पुलिस का कहना है कि ब्लड सैंपल लेकर ठोस वैज्ञानिक साथ के लिए फॉरेंसिक लैब से इसकी जांच कराई जाएगी। मामले में पुलिस स्पेशल ट्रायल कराने की तैयारी में है।


आजीवन कारावास से फांसी तक की हो सकती है सजा
घटनास्थल पर कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। ऐसी स्थिति में परिस्थितिजन्य साक्ष्य सबसे अहम है। वैज्ञानिक जांच में जितना तथ्य पुलिस जुटा सकती है। वह ट्रायल व सजा के लिए अहम साबित होगा। घटना का कड़ी दर कड़ी बहुत क्लियर होना चाहिए। घटनास्थल का नजरी नक्शा भी आवश्यक है। मृतका के कपड़े व आरोपित के कपड़े की भी जांच होनी चाहिए। आरोपी का ब्लड सैंपल लेकर फॉरेंसिक जांच भी अहम होगा। इस मामले में कम से कम आजीवन कारावास अाैर ठोस साक्ष्य रहने पर फांसी तक की सजा हो सकती है।

INPUT:Bhaskar

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