बेला फेज 2 स्थित नूडल्स फैक्ट्री के बॉयलर ब्लास्ट के पीछे मैनेजमेंट की भारी लापरवाही सामने आई है। मृतक मुसहरी छपरा के संदीप कुमार (35) के चचेरे भाई पिंटू ने बताया कि पिछले 6 माह से बॉयलर में लीकेज था। इसकी शिकायत वर्करों ने मैनेजर उदय शंकर समेत और अन्य प्रबंधन से की थी। लेकिन, इसे अनसुना कर दिया गया।
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खराब स्थिति में ही बॉयलर से काम करवाया जाता रहा। इसका नतीजा यह हुआ कि रविवार को बॉयलर में ब्लास्ट हो गया और 7 लोगों ने दम तोड़ दिया। दो मृतकों की पहचान अब तक हुई है। वहीं 12 लोग गंभीर रूप से घायल है। इधर, प्रबंधन से संबंधित लोग फरार हैं।
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अगर समय रहते वर्कर की शिकायत पर संज्ञान लेकर काम बंद कर दिया जाता या बॉयलर को ठीक करवा लिया जाता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। इससे स्पष्ट होता है मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ है।
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संदीप नहीं जाना चाहता था काम पर
पिंटू ने बताया कि संदीप काम नहीं करना चाहता था। क्योंकि बॉयलर पर ही उसकी ड्यूटी थी। वह नहीं जाता तो मशीन चालू नहीं होती। आज भी उसे जबरन कॉल कर सुबह काम पर बुलाया गया था। इसके बाद 9:40 में तेज धमाका हुआ। पिंटू के अनुसार, वह वहां पहुंचा तो अंदर में कई लाशें पड़ी हुई थी। फैक्ट्री प्रबंधन से जुड़े कुछ लोग आननफानन में सबको निकालकर गाड़ी में लोड कर अस्पताल भेज रहे थे। वह भी SKMCH पहुंच गया। वहां पर एक शव के पैर को देखकर उसने संदीप की पहचान की। संदीप शादीशुदा था। उसके तीन बच्चे भी हैं।
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वर्करों के चिथड़े उड़ गए
हादसे में घायल सकरा थाना के मथुरापुर के रहने वाले पंकज ने बताया कि आज सुबह काम करने आया था। फैक्ट्री में ऑपरेटर और वर्कर मिलाकर कुल 25 लोग थे। अचानक से बॉयलर फटा और जोरदार धमाका हुआ। कई वर्करों के चिथड़े उड़ गए। फैक्ट्री की छत उड़ गई। हम लोगों ने बाहर भागकर अपनी जान बचाई।
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क्या होता है बॉयलर
आसपास के फैक्ट्री में काम करने वाले कुछ लोगों से बॉयलर के संबंध में बात की गई। उन्होंने बताया कि बॉयलर से पानी को गर्म करने का काम किया जाता है। इसी से नूडल्स बनकर तैयार होता है। नूडल्स फैक्ट्री में जो बॉयलर था, वह तीन टन का था। जानकारों के अनुसार, इसकी क्षमता करीब 500 डिग्री सेल्सियस तक की रही होगी। इससे अधिक टेंप्रेचर होने के कारण यह ब्लास्ट हुआ होगा।





INPUT:Bhaskar
