मुजफ्फरपुर में हुए ब्लास्ट में मारे गए सलहा गांव निवासी विनोद राय अपने पीछे 4 छोटे छोटे बच्चे को छोड़ गए। बच्चो के साथ पत्नी, बूढ़े मा-बाप को। उनके जाने के बाद पूरे गांव में सनाटा फैल गया। वही, शव पहुंचते ही गांव में मातम छा गया। जबकि, परिवार में चीख पुकार मच गई। माँ व पत्नी का रुओ रोकर बुरा हाल था। पिता के दर्द भी आंखों से छलक रहे थे।
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गांव के लोग उन्हें काफी समझाने का प्रयास कर रहे थे। बताया जा रहा है कि विनोद के 4 छोटे छोटे बच्चे थे। 2 बेटे व 2 बेटियां थी। मेहनत करके व किसी तरह घर का भरण पोषण करता था। परिवार में अब कोहराम मचा हुआ है। मृतक की पत्नी रीता देवी लगातार बेहोश हो जा रही थी।
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अकेले भाई के परिवारों का भी करता था भरण पोषण
मृतक विनोद की पत्नी रीता देवी ने बताया कि पिछले 2 सालो से पति फैक्ट्री में काम करते थे। वे मैग्गी छानने का काम करते थे। इसके एवज में उन्हें 9 हजार रुपये प्रति माह मिलता था। उसी से घर चलता था। बताई की विनोद का एक भाई भी है। उनकी भी शादी हो चुकी है। उसके भी बच्चे है। लेकिन, उनका भाई मानसिक रूप से थोड़ा विक्षप्त है।
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भाई की पत्नी बाहर दूसरे राज्य में रहती है। वह वहां काम करती है। लेकिन, भाई के बच्चो का भी खर्च ज्यादातर विनोद ही उठाते थे। वे उनके बच्चो को भी अपने बच्चों की तरह देखते थे। सास ससुर को भी वही देखते थे। अब वह नही रहे। अब मुझे ही मजदूरी करना पड़ेगा। जिससे घर चल सके।
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सुपरवाइजर ने कॉल कर बुलाया
विनोद की पत्नी ने बताया कि रविवार को उनकी छुट्टी थी। वे सुबह में चापाकल ठीक करने वाले थे। घर मे लगा चापाकल खराब हो गया था। उसे ठीक करने जा ही रहे थे कि सुपरवाइजर का कॉल आया था। जिसके बाद वह तेजी में तैयार होने लगे। पूछने पर बताया था कि सुपरवाइजर बुलाया है।
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इसके बाद वे सुबह करीब साढ़े छह बजे घर से निकल गए। इसके बाद ब्लास्ट की खबर आई। जिसके बाद उनके पिता भागे भागे फैक्ट्री पहुंचे। वहां से SKMCH पहुंचे। वहां पता चला कि विनोद नही रहे।





INPUT:Bhaskar
