Muzaffarpur Blast में SIT ने शुरू की जांच, Factory मालिक फरार, बॉयलर इंस्पेक्टर से भी पूछताछ

मुजफ्फरपुर के बेला फेज 2 में अंशुल स्नैक्स एंड बेवरेज लिमिटेड (नूडल्स फैक्ट्री) ब्लास्ट कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर SSP जयंतकांत ने SIT का गठन किया है। सिटी SP राजेश कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। पुलिस ने नूडल्स फैक्ट्री से कंप्यूटर हार्ड डिस्क जब्त की। हार्ड डिस्क से पुलिस बॉयलर विस्फोट के समय फैक्ट्री में मौजूद मजदूर, ऑपरेटर और अन्य लोगों की जानकारी जुटाना चाहती है।




उधर, फैक्ट्री मालिक विकास मोदी के आवास और संबंधियों के ठिकाने पर भी पुलिस छापेमारी कर रही है, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आए। दूसरी ओर, उप श्रम आयुक्त ने फैक्ट्री पर नोटिस चस्पां कर डायरेक्टर को मुआवजा भुगतान को लेकर एक सप्ताह में पक्ष रखने को कहा है।


उल्लेखनीय है कि रविवार को बॉयलर फटने से 7 मजदूरों की मौत हो गई थी। इनमें पांच की पहचान कर ली गई थी। सोमवार को दो और मृतक की पहचान मनियारी के अजीत कुमार और छपरा के ललन यादव के रूप में हुई। इस बीच, श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने एसकेएमसीएच में जख्मी लोगों का हालचाल जाना। उन्होंने पीड़ित के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।


FIR दर्ज होने के बाद SSP जयंत कांत ने फैक्ट्री मालिक विकास मोदी की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया। पुलिस टीम विकास मोदी, श्वेता मोदी, उदय शंकर, राहुल कुमार व दिग्विजय समेत अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।


पुलिस ने बॉयलर इंस्पेक्टर से की पूछताछ
नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर विस्फोट में बॉयलर इंस्पेक्टर की भूमिका सवालों के घेरे में है। सोमवार देर शाम पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर से कई बिंदुओं पर लंबी पूछताछ की। जिसमें वह घिरते नजर आए। मुजफ्फरपुर पुलिस बॉयलर इंस्पेक्टर के खिलाफ विभाग से कार्रवाई की अनुशंसा कर सकती है। नूडल्स फैक्ट्री का बॉयलर पुराना है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतने पुराने बॉयलर का फिटनेस कैसे दिया गया। पुलिस पूछताछ में बॉयलर इंस्पेक्टर ने मई 2020 में फिटनेस रिपोर्ट जारी करने की बात कही। हालांकि, वे आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं करा सके हैं। जबकि पुलिस अधिकारी का कहना है कि तब कोरोना का पीक चल रहा था। ऐसे में बॉयलर का मेजरमेंट करना समझ में नहीं आ रहा। कई कागजात भी कम हैं। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि नूडल्स फैक्ट्री में इंजीनियर भी नहीं था। बगैर इंजीनियर के फिटनेस कैसे दिया जा सकता। एसएसपी का कहना है कि प्राथमिकी तो दर्ज कर ली गई है। जांच में कई और की संलिप्तता आ सकती है।


आपदा विभाग की टीम ने की जांच
वहीं, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीम ने भी फैक्ट्री में जांच की। मौके पर फायर सर्विस के IPS गौरव मंगला, आपदा के ADM अजय कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। बियाडा की टीम भी साथ थी। ADM ने बियाडा की टीम पर नाराजगी जताई। कहा कि रविवार को पूरे दिन वे लोग फैक्ट्री में काम करने वाले वर्करों की सूची के लिए परेशान रहे, लेकिन बियाडा का कोई अधिकारी सामने नहीं आया। किसी के पास वर्कर की लिस्ट नहीं थी। ये तो लापरवाही की हद है। उन्हें बियाडा के टीम पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।

INPUT: Bhaskar

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