Muzaffarpur का SKMCH बना Oxygen में आत्मनिर्भर, 500 तक बढ़ाए जा सकेंगे Bed

मुजफ्फरपुर। कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रोन के खतरे से निपटने के लिए एसकेएमसीएच प्रबंधन अलर्ट है। तैयारी भी तेज कर दी गई है। ऑक्सीजन के मामले में अस्पताल आत्मनिर्भर हो गया है।




अभी दो ऑक्सीजन प्लांट चालू है, जबकि नये साल में दो नई यूनिट से भी उत्पादन शुरू हो जाएगा। दवाइयों की व्यवस्था करने के साथ इलाज को लेकर मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।


एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. बाबू साहब झा ने बताया कि कोरोना मरीजों के लिए दो अलग-अलग वार्ड तैयार किए गए हैं। एक में 100 व दूसरे में 220 बेड हैं। जरूरत के हिसाब से इसे 500 भी किया जा सकता है। कोरोना से संबंधित सभी विभागों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश है। दवाएं आदि भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वर्तमान में आईसीयू वार्ड को और बेहतर किया गया है। इसमें अत्यधुनिक तकनीक से लैस 16 आईसीयू उपकरण हैं। 89 वेंटीलेटर भी हैं। सभी सही स्थिति में है। इसका ट्रायल भी किया गया है।


एक दिन भरे जा सकते हैं 1600 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर :
एसकेएमसीएच में दो ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं। एक दिन में 1600 से अधिक सिलेंडर भर सकते हैं। वर्तमान में सिलेंडर पर्याप्त हैं। फिलहाल 200 से अधिक सिलेंडर का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑक्सीजन लिक्विड भी पर्याप्त मात्रा में है।


प्रकोप बढ़ने पर एम्बुलेंस की हो सकती है कमी
अस्पताल में फिलहाल चार सरकारी एम्बुलेंस हैं। ओमीक्रोन का प्रकोप बढ़ने पर एम्बुलेंस की कमी हो सकती है। इस स्थिति में फिर से निजी एम्बुलेंस संचालकों की मनमानी बढ़ सकती है। हालांकि, एसकेएमसीएच प्रशासन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सदर अस्पताल व दूसरी जगहों से एम्बुलेंस की व्यवस्था करेंगे। अस्पताल के पास चार शव वाहन उपलब्ध हैं।


सदर व 16 पीएसची में 800 से अधिक बेड तैयार
सदर अस्पताल और 16 पीएससी/सीएचसी में तकरीबन आठ सौ से अधिक बेड तैयार किए गए हैं। सदर अस्पताल में 100 और बिहार बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय परिसर में 150 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा चुका है। इनका निरीक्षण भी किया गया है। इसके अलावा 650 बेड जिले के विभिन्न पीएचसी/सीएचसी में तैयार किए गए हैं। सीएस डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर और ओमीक्रोन को देखते हुए जिला स्वस्थ्य समिति चौकस है। इसके लिए तैयारी की जा चुकी है। जिले में करीब आठ सौ बेड हैं। सदर अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट भी तैयार है। ट्रायल और मॉक ड्रिल हो चुका है। जरूरत पड़ने पर चालू किया जाएगा।

INPUT: Hindustan

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