मुजफ्फरपुर फैक्ट्री हादसे के बाद सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। अब फैक्ट्री में काम करने वाले सभी कामगारों को हर हाल में परिचय पत्र मिलेगा। कंपनी में सभी कामगारों का अलग से विवरण भी होगा ताकि कृत्रिम या प्राकृतिक हादसा होने पर उनकी पहचान आसानी से हो सके।
कामगारों के बारे में पूरी जानकारी अब फैक्ट्री संचालकों को सरकार को भी देनी होगी।
दरअसल, मुजफ्फरपुर हादसे के दौरान कामगारों की पहचान में काफी परेशानी हुई। फैक्ट्री में कामगारों का पूरा विवरण भी नहीं था। इसे देखते हुए श्रम संसाधन विभाग ने तय किया है कि अब कामगारों को पहचान पत्र देना अनिवार्य होगा। इसमें फैक्ट्री के पंजीकरण संख्या और नाम लिखा होगा। साथ ही कर्मचारी का नाम, पिता का नाम और पता, रोजगार की प्रकृति भी लिखी रहेगी। नियमित कर्मी हों या ठेका पर काम करने वाले, कामगारों के पहचान पत्र पर उनका भी विवरण रहेगा। फैक्ट्री संचालकों की ओर से उस परिचय पत्र पर हस्ताक्षर भी होगा।
फैक्ट्री संचालकों की ओर से कामगारों की पूरी विवरणी भी एक रजिस्टर में रखनी होगी। इसकी एक प्रति फैक्ट्री इंस्पेक्टरों के पास भी रहेगी। यानी, सरकार को पूरी जानकारी रहनी चाहिए कि किस फैक्ट्री में कितने और किस तरह के कुल कामगारों की संख्या कितनी है। यही नहीं, कारखाने के सार्वजनिक स्थानों पर भी कामगारों के बारे में ब्योरा लिखना होगा। सार्वजनिक नोटिस पर फैक्ट्री संचालकों को लिखना होगा कि उनके यहां कुल कितने कामगार हैं और इसमें कितने नियमित और कितने ठेका पर हैं।
हरेक नियोक्ता को प्रतिष्ठान का नाम, पता, कार्य घंटे, वेतन अवधि, वेतन भुगतान की तारीख, गत पांच वर्षों के दौरान प्रतिष्ठान में हुई दुर्घटना व खतरनाक घटना का विवरण लिखना होगा। साथ ही फैक्ट्री के क्षेत्राधिकार रखने वाले निरीक्षक सह सुविधा प्रदाता का नाम व पता भी लिखना होगा। नोटिस पर कामगारों के बकाया वेतन भुगतान की तारीख को अंग्रेजी या हिंदी में लिखना होगा। कामगारों को लगता है कि कार्यस्थल पर किसी तरह का खतरा है तो वे इसकी सूचना सरकार को दे सकेंगे। कर्मचारियों की सुविधा के लिए संचालकों को तमाम व्यवस्था करनी होगी चाहे संचालक अपनी व्यवस्था से संतुष्ट क्यों न हों।
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