मुजफ्फरपुर में कोरोना तेज़ी से पांव पसार रहा है। अबतक शहरी क्षेत्र में ही अधिकांश मामले सामने आए थे। लेकिन, अब यह वायरस धीरे-धीरे ग्रामीण इलाको में भी फैलने लगा है। कांटी और सकरा में कोरोना के नए केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गयी है। क्योंकि शहरी क्षेत्र में तो लोग कुछ संभल कर रहते हैं। लेकिन, गांव का नजारा कुछ और देखने को मिलता है। ग्रामीण इलाकों में अभी भी लोग मास्क के प्रति बहुत कम जागरूक देखने को मिलते हैं।
चौक-चौराहों पर अधिक भीड़ भी लगती है। हाट में, सब्जी मंडियों में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ती है। जिसे संभालने में पुलिस के पसीने छूट जाते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। गांव में अभी भी लोग कोरोना के प्रति कम जागरूक देखे जा रहे हैं। कांटी में पांच तो सकरा में छात्र समेत आधा दर्जन नए मामले सामने आए हैं। इन सभी को फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा गया है। जिनका हलचल PHC स्तर से लिया जा रहा है।
नहीं संभले तो हालात होंगे बेकाबू
DM प्रणव कुमार ने कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराने के लिए सभी प्रखंड पदाधिकारी और थानेदारों को निर्देश जारी किया था। अगर इसके बावजूद लोग खुद जागरूकता नहीं दिखाएंगे तो फरवरी में हालात बेकाबू होने की प्रबल संभावना है। क्योंकि अभी जिले में दोगुने रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। अब तो एक दिन में आंकड़ा डेढ़ सौ तक पहुंच गया है। गनीमत ये है कि सभी मरीजो का इलाज अभी घर पर चल रहा है। कोई गम्भीर नहीं है। लेकिन, अगर इसी तरह से केस बढ़ते रहे और मरीजों की हालत गम्भीर होने लगे तो सम्भालना मुश्किल हो जाएगा।
जांच बढ़ने पर बढ़ सकता आंकड़ा
अभी मुजफ्फरपुर में पांच से छह हजार लोगों का जांच किया जा रहा है। DM ने प्रतिदिन आठ हजार लोगों का जांच करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सिविल सर्जन को निर्देश दिया है। अगर जांच का दायरा बढ़ेगा तो पॉजिटिव मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की माने तो तैयारी पूरी कर ली गयी है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए विभाग हर मोर्चे पर खड़ा है। सभी PHC में कोरोना वार्ड बनाये गए हैं। इसके अलावा शहर में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में भी कोरोना वार्ड बनकर तैयार है। सदर अस्पताल और SKMCH में ऑक्सिजन प्लांट से उत्पादन भी शुरू हो चुका है।
INPUT: Bhaskar