एक बार फिर शुरू हुआ पलायन, बंद हुआ रोजगार मिलना तो LockDown के डर से वतन वापसी, ट्रेनों में ठेलम-ठेल भीड़

कोरोना की तीसरी लहर ने रफ्तार पकड़ रही है। दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में कोरोना ब्लास्ट हो रहा है और रिस्ट्रिक्शन भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इन शहरों में रोटी-रोजगार के लिए गए प्रवासी मजदूरों में लॉकडाउन का भय भी बढ़ता जा रहा है। मुंबई और दिल्ली से एक बार फिर मजदूर अपने घरों की ओर बेतहाशा भाग रहे हैं। मजदूरों के पलायन की तस्वीरें फिर सामने आने लगी हैं।




बिहार के मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दिल्ली से आने वाले मजदूरों की तादाद रोजाना बढ़ती ही जा रही है। शनिवार को जब सप्तक्रांति सुपरफास्ट ट्रेन दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंची तो इसमें सैकड़ों मजदूर और छोटे व्यवसायी और प्राइवेट नौकरी करने वाले यात्री उतरे। इन्होंने बताया कि इस बार वे पिछले लॉकडाउन की तरफ दिल्ली में फंसना नहीं चाहते थे इसलिए जिस हाल में थे, घर लौट आए। पढ़िए इनकी आपबीती…


दिल्ली में बुरा हाल, कहीं पहले जैसा हाल न हो इसलिए लौट आए- संतोष कुमार
दिल्ली से लौटे संतोष कुमार ने बताया कि वे वहां परिवार के साथ रहते हैं। प्राइवेट नौकरी करते हैं। अभी हालत बहुत खराब होने लगी है। दिल्ली में दो दिन का वीकेंड लॉकडाउन लग गया है। इससे पहले नाइट कर्फ्यू लगा था। लेकिन, कोई सुधार नहीं हुआ तो वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया है।


अब भी अगर कोरोना के मामले नहीं कम हुए तो लॉकडाउन लगने के पूरे आसार दिख रहे हैं। ये सोचकर वापस लौट गए कि कहीं पिछली बार जैसा हाल न हो इसलिए समय रहते वहां से घर लौट गए हैं। वैसे भी वहां पर धीरे-धीरे काम बंद होने लगा है। पहली और दूसरी लहर में भागकर आए थे। उस बार काफी परेशानी हुई थी आने में। इस बार इसलिए जल्दी चले आए हैं।


लॉकडाउन लगने पर तो निकलना मुश्किल हो जाता- संजीत कुमार
मुजफ्फरपुर के मीनापुर निवासी संजीत कुमार ने बताया कि दिल्ली में स्थिति बहुत खराब है। हर दिन कोरोना के हजारों मरीज सामने आ रहे हैं। जो हालात बन रहे हैं। उससे जल्द ही वहां लॉकडाउन लगने की संभावना है, क्योंकि कोरोना के केस कम नहीं हो रहे हैं। पिछली बार सरकार ने अचानक से लॉकडाउन लगा दिया था। जिसके बाद बिहार लौटने के लिए मारामारी होने लगी थी।


कारोबार चौपट हो गया, वहां करते क्या- मो. सज्जाद
वैशाली के कपड़ा व्यवसायी मोहम्मद सज्जाद ने बताया कि दिल्ली में ही व्यवसाय करते हैं। अभी हालत बहुत खराब हो गए हैं। 8 बजे से पहले ही पुलिस आकर डंडा मारकर दुकान बंद करा देती है। फाइन लगाने की चेतावनी दी जाती है। वीकेंड लॉकडाउन लग गया है। व्यवसाय भी चौपट हो गया तो वहां रुककर करते क्या। पहली और दूसरी लहर में बर्बाद हो गए थे। अब काम फिर जमने लगा था। इसी बीच पुराने जैसे हालात बन गए हैं।


दूसरी लहर में रोजगार छिन गया था, इस बार भी- इकबाल
दिल्ली से लौटे वैशाली के रहने वाले मोहम्मद इकबाल ने बताया कि ये दूसरी बार है, जब हमारा रोजगार छिन गया। दूसरी लहर में भी कंपनी ने हटा दिया था। इस बार भी हालत खराब होने लगा है। लॉकडाउन लगने वाला है। फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं। व्यवसाय चौपट हो गया। फिर से उन्हें काम से हटा दिया गया। वहां के हालात देखकर घर लौटने में उन्होंने समझदारी दिखाई।

INPUT: Bhaskar

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