अच्छी खबर: Corona के नाम पर मरीजों को नही लूट पाएंगे निजी अस्पताल, बिहार सरकार ने इलाज की दरें कर दी तय

मुजफ्फरपुर। कोरोना के इलाज में इस बार निजी अस्पताल मनमानी नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की दर तय कर दी है। सरकार ने सूबे के सभी शहरों को ए, बी और सी श्रेणी में बांटकर दर तय की है। राजधानी पटना ए श्रेणी में है, जबकि मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, दरभंगा और पूर्णिया बी श्रेणी में हैं। इनके अलावा बाकी सभी जिले सी श्रेणी में हैं। इस संबंध में शनिवार को सरकार ने सूबे के सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी कर जानकारी दी है।




इस बार निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के भर्ती होने से लेकर वेंटिलेटर लगने तक पूरे इलाज पर कितना खर्च लिया जाएगा, सभी की दर तय कर दी गई है। इस बार सरकार ने संक्रमितों के लिए आइसोलेशन की अवधि सात दिन तय की है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में इस बार अबतक एक ही निजी अस्पताल से कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए आवेदन आया है।


अस्पताल की जांच के बाद ही अनुमति दी जाएगी। पिछली बार दस निजी अस्पतालों को विभाग की तरफ से कोरोना इलाज की अनुमति दी गई थी। कोरोना की दूसरी लहर में निजी अस्पतालों में मरीजों से मनमानी राशि वसूल की गई। अस्पतालों ने वेंटिलेटर का खर्च प्रतिदिन पांच हजार रुपये वसूला था। इसके अलावा आईसीयू में भर्ती मरीजों से 3500 से चार हजार रुपये वसूले थे।


आयुष्मान कार्ड से भी होगा कोरेाना का इलाज
आयुष्मान भारत योजना से निबंधित जिले के 10 निजी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जाएगा। आयुष्य भारत के तहत भी कोरोना इलाज के लिए राशि तय कर दी गई है। आयुष्मान भारत योजना के जिला समन्वयक विद्या सागर ने बताया कि बिना वेंटिलेटर की आईसीयू के लिए 7800 रुपये प्रति मरीज अस्पतालों को दिए जाएंगे। वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का खर्च प्रति मरीज नौ हजार रुपये दिए जाएंगे। जनरल वार्ड का खर्च आठ सौ रुपये तय हुआ है। कोविड जांच का खर्च 600 रुपये तय किया गया है।

INPUT: Hindustan

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