बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। मुख्यमंत्री की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह होम आइसोलेशन पर हैं। सीएमओ की ओर से सोमवार की शाम ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई।
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गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री आवास में भी एक साथ कई लोग संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बगल में एक दूसरा आवास तैयार किया जा रहा था, जहां पर उनके रहने की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन उसके ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संक्रमित पाए गए हैं।
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माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार कोरोना जाँच में पॉज़िटिव पाये गए हैं। चिकित्सकों की सलाह पर वह होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने सभी से कोविड अनुकूल सावधानियां बरतने की अपील की है।
— CMO Bihar (@officecmbihar) January 10, 2022
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ओमिक्रॉन के भारी पड़ने से संक्रमित ज्यादा हुए, पर भर्ती कम
कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित होने वालों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है, मगर इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं आ रही। कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के जिलों में भागलपुर को छोड़ दें तो संक्रमित मरीजों के भर्ती होने का प्रतिशत दो भी नहीं है। कई जिलों में सौ से ज्यादा मरीज हैं, पर भर्ती एक भी नहीं। डॉक्टर मानते हैं कि डेल्टा पर ओमिक्रॉन के भारी पड़ने की वजह से ऐसा हो रहा है। ओमिक्रॉन मरीजों के लिए घातक तो कम है, मगर इसका प्रसार डेल्टा से ज्यादा है।
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भागलपुर मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी ने बताया कि नौ जनवरी तक भागलपुर जिले में कोरोना के 302 नये मामले पाये गये। इनमें से मात्र दस मरीज आइसोलेशन वार्ड में हैं। दरअसल, ओमिक्रॉन में डेल्टा की तरह मरीज को सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्या नहीं हो रही है। संक्रमित लोगों में ज्यादातर ओमिक्रॉन के ही शिकार है। आईजीआईएमएस, पटना द्वारा नौ जनवरी को जारी रिपोर्ट भी इस आशंका को सही साबित करती है। 32 सैंपल में से 27 में ओमिक्रॉन का वायरस पाया गया है। डॉ. चौधरी बताते हैं कि अभी अगर सभी संक्रमितों की जांच करा दी जाये करीब 85 प्रतिशत ओमीक्रोन के शिकार मिलेंगे।





INPUT: Hindustan
