समस्तीपुर। कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केनद्र कल्याणपुर में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पुराने सैंपल को ही जांच के लिए भेज दिया गया।
115 लोगों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य प्रशासन ने जब संक्रमितों से संपर्क करना शुरू किया तो पता चला कि उन्होंने उस तारीख को सैंपल दिया ही नहीं है। जिलाधिकारी के आदेश पर सिविल सर्जन डा. सत्येन्द्र कुमार गुप्ता ने पूरे मामले की जांच कराई तो लैब टेक्निशियन दिनेश झा दोषी मिला। उसे निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में मुख्यालय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहनपुर निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में मोहनपुर से प्राप्त अनुपस्थिति विवरणी के आधार पर पीएचसी कल्याणपुर से नियमानुकूल जीवन निर्वाह् भत्ता दिया जाएगा।
विभागीय कार्यवाही संचालन को लेकर प्रक्रिया चल रही है।बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर को प्रतिदिन आरटी-पीसीआर जांच के लिए 160 लोगों को सैंपल लेने का लक्ष्य मिला है। इसके अलावा रैपिड एंटीजन किट से 300 लोगों की जांच करनी है। यहां से भेजे गए सैंपल से सात जनवरी को 115 लोगों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।
कन्टेनर में रखे स्वाब का किया उपयोग
जिलाधिकारी के आदेश पर सिविल सर्जन ने जांच के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया। टीम को पूरी जांच करने के साथ सैंपल कलेक्शन की लिस्ट देख रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया। जिसके आधार पर टीम ने पूरे मामले की जांच की। जांच में टीम को पता चला कि लक्ष्य के अनुरूप लोग नहीं पहुंच रहे। इस कारण लक्ष्य के अनुरूप सैंपल नहीं मिलने पर लैब टेक्निशियन दिनेश झा ने पहले से कंटेनर में रखे गए स्वाब को ही जांच के लिए भेज दिया। इसी कारण सात जनवरी तक के सैंपल कलेक्शन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
ऐसे में लैब टेक्निशियन ने क्षेत्र में जांच करने की बजाय पूर्व से लिए सैंपल का कंटेनर में रखे गए स्वाब का ही प्रयोग कर डाला। वहां संविदा पर काम करने वाले लैब टेक्नीशियन राजेश शरण दास ने बताया कि जांच के लिए अक्सर एक व्यक्ति का दो-तीन बार स्वाब लिया जाता है। एक सैंपल को जांच के लिए भेजा जाता हे। उसी में से जो सैंपल बचे थे, उसे जांच के लिए भेज दिया गया।
INPUT: JNN