एक ओर स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन कोरोना जांच बढाने के लिए नए-नए नियम बना रही है। ताकि जांच का दायरा बढ़ सके। वहीं दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी इससे बेखबर हैं। उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है। सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक जांच का समय निर्धारित किया गया था। ये आदेश सरकार स्तर से जारी हुआ था। सदर अस्पताल में इसका पालन भी हुआ। लेकिन, आज जो तस्वीर सामने आई है। वह स्वास्थ्य महकमे की पोल खोलने वाली है।
रविवार का दिन होने के कारण लोग सुबह नौ बजे से ही सदर अस्पताल में जांच कराने आने लगे। देखते-देखते कुछ ही देर में जांच कराने वालों की लंबी कतार लग गयी। सुरक्षाकर्मी सभी को लाइन में खड़ा कर चले गए। लोग काफी देर तक इस इंतज़ार में खड़े रहे कि अब कर्मी आएगा और काउंटर खुलेगा तो जांच होगी।
दो घंटे तक कोई नहीं आया
सुबह नौ बजे से 11 बज गए। लेकिन, स्वास्थ्य कर्मी का दूर-दूर तक पता नहीं था। इस कारण जांच कराने वालों का आक्रोश भड़क उठा। लोग हंगामा करने लगे। कर्मियों और विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाने लगे। हंगामा होता देख सुरक्षाकर्मी आये और सभी को समझाकर शांत कराया। कहा कि शीघ्र ही जांच शुरू होगा।
लोगों ने जब देरी होने का कारण पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद काफी लोग वहां से बगैर जांच कराए लौट गए। जब मामला बढ़ने लगा तब एक-एक कर स्वास्थ्य कर्मी आने लगे। उन्हें देखकर लोगो ने सवाल उठाने शुरू कर दिए। लेकिन, अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। 11 बजे के बाद जांच शुरू हुई। हालांकि उस समय इक्का दुक्का ही लोग बच गए थे।
अधिकारी ने जांच की कही बात
जिला नोडल पदाधिकारी से इस सम्बंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि पता करते हैं स्वास्थ्य कर्मी कहां हैं। किन कारणों से समय पर जांच शुरू नहीं किया गया। इसकी क्या वजह है और किस स्तर पर लापरवाही हुई है। इसका जांच किया जाएगा। इसमें जो भी दोषी पाएं जाएंगे। उनके विरुद्ध सिविल सर्जन से करवाई की अनुशंसा की जाएगी।
INPUT: Bhaskar