मुजफ्फरपुर| एसकेएसमीएच से जांच के लिए आईजीआईएमएस भेजे गये पहले पांच सैंपल में ओमीक्रोन की पुष्टि नहीं हुई है। दस दिन पहले मेडिकल कालेज से सैंपल भेजे गए थे। फिलहाल, कोरोना का नए वेरिएंट नहीं मिलने पर विशेषज्ञ संभावना जता रहे हैं कि दूसरी लहर में आया डेल्टा वेरिएंट ही इस बार भी संक्रमण की रफ्तार को बढ़ा रहा है।
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शनिवार को एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार और अधीक्षक डॉ. बाबू साहेब झा ने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव मिलने पर सैंपल आईजीआईएमएस, पटना भेजे गए थे। वहां जांच के दौरान सैंपल में ओमीक्रोन वेरिएंट नहीं मिला।
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वहीं, सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में ओमीक्रोन वेरिएंट की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। यदि ओमीक्रोन नहीं है तो डेल्टा वेरिएंट ही काम कर रहा है। हालांकि, टीकाकरण होने से डेल्टा वेरिएंट की क्षमता कम पड़ गई है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
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एसकेएमसीएच में दो और नये मरीज को किया भर्ती
जिले में शनिवार को कोरोना के 248 नये मरीज मिले। सदर अस्पताल में 58 व एसकेएमसीएच में 55 पॉजिटिव मरीज मिले। वहीं, 258 मरीज ठीक भी हुए। जिले में अबतक 717 संक्रमित ठीक हो चुके हैं। अब एक्टिव केस की संख्या 1848 हो चुकी है। शनिवार को 5612 सैंपलों की जांच की गई। इधर, एसकेएमसीएच में दो और नये मरीज को भर्ती किया गया। एक मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी गई। अब एसकेएमसीएच के कोरोना वार्ड में आठ मरीज भर्ती हैं। बैरिया स्थित एक निजी अस्पताल से 70 वर्षीया कोरोना संक्रमित महिला को एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। जांच के दौरान उसका ऑक्सीजन व बीपी कम पाया गया। इसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। वहीं, बिहार बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में बने कोविड सेंटर में भी एक और नया कोविड मरीज भर्ती किया गया। मरीज कच्ची-पक्की का बताया जा रहा है। डॉ. नवीन कुमार ने बताया कि मरीज की हालत स्थिर है।
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कोरोना के इलाज के लिए पांच निजी अस्पतालों की जांच
निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार से जांच शुरू कर दी। जांच टीम में डॉ. हसीब असगर, डॉ. चंद्रशेखर प्रसाद और कर्मचारी विंध्याचलय शामिल हैं। टीम ने आवेदन करने वाले पांच अस्पतालों का निरीक्षण किया। सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जांच के बाद इसकी फाइल जिलाधिकारी को भेजी जाएगी। वहां से अनुमोदन मिलने के बाद ही अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए अनुमति दी जाएगी।
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बिना अनुमति आयुष्मान कार्ड से भी नहीं होगा इलाज
निजी अस्पताल बिना स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की अनुमति के आयुष्मान कार्ड योजना से भी कोरोना मरीजों का इलाज नहीं कर सकते हैं। आयुष्मान भारत योजना के जिला समन्वयक विद्या सागर ने बताया कि अनुमति मिलने के बाद ही अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज हो सकेगा। आयुष्मान कार्ड के तहत जिले में दस अस्पताल निबंधित हैं। इस बार से ही आयुष्मान कार्ड में कोरोना के इलाज को जोड़ा गया है।





INPUT: Hindustan
