Muzaffarpur में स्मार्ट सिटी के नाम पर राहगीरों की जान से खिलवाड़, आए दिन हो रहे दुर्घटनाओं का शिकार

मुजफ्फरपुर में स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे प्रोजेक्ट ने राहगीरों को मुसीबत में डाल दिया है। निर्माण एजेंसियों की मनमानी से बीच बाजार हर कदम पर खतरा है। गड्ढों और नुकीले सरिया से किसी तरह बच गए तो सड़कों पर बिछी गाद से बचना मुश्किल है। निर्माण एजेंसियों ने प्रशासनिक स्तर पर दिए गए निर्देशों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। बैरिकेडिंग की हिदायत के बाद भी पालन नहीं हो रहा है। स्टेशन रोड हो या हरिसभा चौक, हर जगह जरा-सी असावधानी से लोग गिरकर घायल हो रहे हैं।




हरिसभा से कल्याणी तक गड्ढों का जाल
हरिसभा चौक से कल्याणी चौक तक कार्य की सुस्त गति के बाद संबंधित एजेंसी को एक महीने का और अतिरिक्त समय दिया गया है, लेकिन एजेंसी है कि प्रशासनिक सख्ती के बाद भी मानमाने ढंग से काम कर रही है। निर्माण की जगह पर कहीं भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है। दीवान रोड के मुहाने पर करीब सात फीट गहरा गड्डा खुला है। कहीं भी बैरिकेडिंग नहीं की गई है।


लक्ष्मी चौक से बैरिया रोड चलने लायक नही
बैरिया रोड से लक्ष्मी चौक के बीच निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन आम लोगों के चलने के लिए यहां कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। नाले का पानी सड़क पर छोड़ा जा रहा है। बड़ी गाड़ियां रोज फंस रही हैं। दो पहिया वाहन सवार रोज गिरकर घायल हो रहे हैं, लेकिन बगैर मापदंड का पालन किए काम चल रहा है।


बैरिकेडिंग नहीं होने से रोज गिरते राहगीर
धर्मशाला चौक से स्टेशन रोड होते हुए मालगोदाम चौक तक निर्माण के नाम पर नाला खोद दिया गया। कई जगहों पर सरिया का जाल लगा दिया गया। फिलहाल सरिया बिछे नाले में लबालब पानी भरा है, जो बेहद खतरनाक है। बैरिकेडिंग नहीं होने के कारण सड़क और खुले नाला में अंदाज लगा पाना मुश्किल है, जिस वजह से लोग अनियंत्रित होकर रोज गिरते हैं। चौंकाने वाली स्थिति यह है कि तीन माह से यहां निर्माण को लटका कर रखा गया है।

INPUT: Hindustan

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