अमर जवान ज्योति ‘बुझाई नहीं जा रही बल्कि…’, विवाद के बीच केंद्र ने किया साफ

इंडिया गेट (India Gate) पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा. अमर जवान ज्योति की लौ के एक हिस्से को युद्ध स्मारक तक ले जाया जाएगा. इस कदम की तीखी आलोचना के बीच सरकार ने कहा कि इसे लेकर “बहुत सारी गलत सूचनाएं” फैलाई जा रही हैं.”




सरकार के सूत्रों ने कहा, “अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में जल रही ज्वाला में मिलाया जा रहा है. ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है.”


अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था.


सूत्रों ने तर्क दिया कि 1971 के युद्ध सहित स्वतंत्रता के बाद के युद्धों में शहीद हुए सभी भारतीय सैनिकों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं. उन्होंने कहा, “इसलिए वहां युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय जवानों को देने वाली ज्योति का होना ही सच्ची ‘श्रद्धांजलि’ है.”


इस कदम पर सरकार की आलोचना करने वाले विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के सूत्रों ने कहा, “ये विडंबना ही है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हंगामा कर रहे हैं, जब युद्धों में जान गंवाने वाले हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि दी जा रही है.”



कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस कदम का विरोध करते हुए सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया, “बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!’

INPUT:NDTV

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