बिहार की राजनीत में इन दिनों शराबबंदी को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच बहस छिड़ी हुई है। विपक्ष शराब को लेकर जहां सरकार पर हमलावर बना हुआ है वहीं सरकार लगातार अपना बचाव करने में लगी है। नीतीश सरकार ने जिन पुलिसकर्मियों पर शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन कराने का दायित्व सौंपा था वही पुलिसकर्मी इसका माखौल उड़ाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। भागलपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।
दरअसल भागलपुर एसएसपी बाबूराम को शिकायत मिली थी कि सजौर थाना क्षेत्र में पुलिस की साठगांठ से मेडिकल दुकानों में दवा के साथ साथ शराब की भी बिक्री की जा रही है। एसएसपी ने जब इसकी जांच कराई तो मामले को सही पाया और मामले में संदिग्ध भूमिका निभाने वाले दारोगा हरिओम प्रकाश सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया।
बताया जाता है कि दारोगा हरिओम प्रकाश सिंह सजौर बाजार स्थित मेडिकल दुकानों में बैठकर अपनी मौजूदगी में शराब बेचवाने का काम करता था। आरोपी दारोगा सुबह 7 बजे से 9 बजे और शाम में 5 बजे से 8 बजे तक मेडिकल दुकानों पर मौजूद रहता था और इस दौरान मेडिकल दुकान में दवा के बदले शराब की बिक्री होती थी।
आरोपी दारोगा की मौजूदगी में शराब खरीदनेवाले मेडिकल दुकान पहुंचते और शराब खरीदकर आराम से चलते बनते, इधर दारोगा जी की मोटी कमाई हो रही थी। जब इस बात की जानकारी एसएसपी को मिली तो अंचल इंस्पेक्टर और डीएसपी विधि व्यवस्था से इसकी जांच कराई, जिसमें आरोप को सही पाया गया। जिसके बाद एसएसपी ने आरोपी दारोगा हरिओम प्रकाश सिंह को निलंबित कर दिया। वहीं आरोपी दारोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
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