मुजफ्फरपुर। बरसात के समय जलजमाव होने पर फरदो नाले की उड़ाही को लेकर खूब हो-हल्ला होता है।
पिछले वर्ष भी नाले की मापी और अतिक्रमण से बात आगे नहीं बढ़ सकी। इस वर्ष जनवरी बीत चुका है, लेकिन मॉनसून पूर्व फरदो नाले की उड़ाही का मामला शांत पड़ा है। प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में इस बरसात भी शहर में जलजमाव की समस्या तय है।
कल्याणी चौक से रेलवे कल्वर्ट पार कर कलमबाग चौक, छाता चौक होते हुए मझौलिया से खबड़ा की ओर फरदो नाले का बहाव है। शहर के पानी की निकासी के लिए यह लाइफलाइन है। छह माह पहले निगम बोर्ड की बैठक में शहर में जलजमाव को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। उसके बाद फरदो नाले की सफाई टेंडर कर किसी एजेंसी के हवाले करने का निर्णय लिया गया था। हालांकि निर्णय के बाद भी शहर को जलजमाव से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
फिर पंप के भरोसे रहेगी निकासी व्यवस्था :
शहर में चौतरफा चल रहे निर्माण और निगम की सुस्त गति के कारण जलजमाव से निबटने की तैयारी पर सवाल उठने लगा है। एक बार फिर से पंप के भरोसे पानी निकासी की व्यवस्था होगी। हालांकि इस कार्य में भी निगम को फिलहाल सफलता नहीं मिली है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी छह महीने में तीन पंप की खरीदारी तक नहीं हो सकी। हालात यह है कि सिर्फ एक जगह मोतीझील कल्वर्ट के पास गाद निकालने के लिए निविदा जारी हुई, लेकिन एक एजेंसी ने आवेदन नहीं किया।
ट्रैक के नीचे सफाई के लिए नहीं निकल सका कोई निष्कर्ष :
समय बीतने के साथ दिनों-दिन कटहीपुल, मोतीझील व सादपुरा रेलवे ट्रैक के नीचे गाद की मात्रा बढ़ती जा रही है। ट्रैक के नीचे गाद फंसी होने के कारण स्टेशन से लेकर मोतीझील व कल्याणी इलाके तक का पानी निकासी बाधित होता है। आधे घंटे की बारिश में मोतीझील रोड में 48 घंटे पानी ठहरता है। पिछले वर्ष निगम व रेलवे की ओर से ट्रैक के नीचे ड्रील मशीन से निकासी के लिए रास्ता खोलने की संयुक्त कोशिश की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
वर्जन :
फरदो नाले की उड़ाही मैनुअल ही कराने पर सहमति बनी है। इसके लिए तैयारी की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया में विलंब होगा। ऐसे में मैनुअल ही सफाई को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
– विवेक रंजन मैत्रेय, नगर आयुक्त
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