मुजफ्फरपुर। शहर के चिह्नित एरिया में सीवरेज लाइन के काम को लेकर लगातार सवाल उठ रहा है।
मोहल्लों में बेतरतीब ढंग से बिछ रहे पाइप को लेकर भी स्थानीय लोगों ने मेयर व निगम प्रशासन से शिकायत की है। मोहल्ले में जहां भी सीवरेज लाइन के लिए गड्ढा किया जा रहा है। वहां करीब 6 इंच चौड़ी पाइप बिछायी जा रही है। जिससे घरों के किचेन व बाथरुम के पानी को कनेक्ट किया जाएगा। सिकंदरपुर निवासी विक्रम कुमार ने बताया कि पाइप की चौड़ायी इतनी कम है कि भविष्य में पानी निकासी मुश्किल होगा।
मोहल्ले में बिन बरसात नाला का पानी उफना कर सड़क पर बहता है। ऐसे में सीवरेज लाइन बहुत सफल नहीं होने वाला है। योगिया मठ निवासी सुभाष कुमार ने बताया कि घरों के पानी के लिए भी पाइप की क्षमता कम है। कहीं आठ फीट तो कहीं दस फीट पर पाइप लगाया जा रहा है। सफाई नहीं होने की स्थिति आम लोगों को मुसीबत झेलना होगा। बता दें कि पहले फेज में दस हजार से अधिक घरों के पानी को पाइप लाइन से कनेक्ट करना है।
कंपनीबाग व सिकंदरपुर में बगैर निगरानी के काम
सिकंदरपुर मोहल्ले में करीब दस फीट के गड्ढे में निर्माण सामग्री को मिला कर नीचे डाला जा रहा था। दोपहर के समय कुछ मजदूर सीमेंट-बालू को मिलाने में जुटे थे। लेकिन इस दौरान चल रहे निर्माण की निगरानी के लिए एजेंसी का कोई प्रतिनिधि उपलब्ध नहीं थे। निर्माण सामग्री की मात्रा या मानक बताने वाला कोई नहीं था। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर दिन इसी तरह काम हो रहा है। पूछे जाने पर भी लोगों को किसी प्रकार की जानकारी भी नहीं दी जाती है। कंपनीबाग में बगैर निगरानी के खुदाई का काम जारी था।
दाउदपुर में मरम्मत के बगैर एक साथ कई गलियों को काटा
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत सिकंदरपुर मन के चारों ओर बसे मोहल्लें में सीवरेज लाइन बिछाया जाना है। एजेंसी की ओर से एक साथ सिकंदरपुर, दाउदपुर, कंपनीबाग, योगिया मठ इलाके में सड़कों को बीचों-बीच काट कर धड़ल्ले से खुदाई का काम जारी है। अब अधूरे निर्माण के कारण परेशानी शुरु हो गई है। एक सड़क का मरम्मत किए बगैर दूसरे सड़क की गली को काट दिया जाता है। दाउदपुर व सिकंदरपुर मोहल्ले में लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल है।
मोहल्ला और मेन रोड के लिए अलग-अलग पाइप
मामले में मेयर ने बताया कि पाइप के बारे में शिकायत मिलने पर पूरी रिपोर्ट ली गई है। उन्होंने बताया कि मोहल्ले में छह फीट फीर मेन रोड पर करीब 12 फीट चौड़ी पाइप का उपयोग होना है। एसटीपी तक पहुंच कर पाइप की चौड़ाई करीब 32 फीट तक लगना है। एस्टिमेट के अनुसार यह जानकारी मिली है। मामले में नगर आयुक्त ने बताया कि संबंधित एजेंसी को दस साल तक मेंटेनेंस का काम करना है। सफाई के लिए जगह-जगह चैंबर दिया जा रहा है। सीवरेज डिजाइन के अनुसार काम हो रहा है।
INPUT:Hindustan