मुजफ्फरपुर। पुलिस मुख्यालय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के बाद अधिकतम 45 दिनों में चार्जशीट दायर करने का निर्देश दिया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जाएगा।
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माना जा रहा है कि त्वरित कार्रवाई नहीं होने से उपद्रव के मामलों में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020 में तिरहुत रेंज में कुल 520 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें आधे से अधिक 272 मामले मुजफ्फरपुर में दर्ज हुए। इसमें 165 मामले लंबित हैं। उपद्रव के ज्यादातर मामले जमीन पर कब्जे के लिए हो रहे हैं। जमीन पर कब्जे व दूसरे पक्ष पर दबिश बनाने के लिए भू-माफिया हथियार से लैस समर्थकों को जुटा रहे हैं।
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बीते बुधवार को एटीएस के एडीजे रवींद्र शंकरन ने आईजी पंकज कुमार सिन्हा व रेंज के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों के साथ समीक्षा की। इसमें उपद्रव के मामलों में त्वरित कार्रवाई की रणनीति बनी। पुलिस पर हमले के मामले को भी उपद्रव की श्रेणी में रखा गया है। कहा गया कि जमीन कब्जा, वर्चस्व और भीड़ जुटाकर दूसरे पक्ष पर हमले के मामले में उपद्रव की धाराओं में केस दर्ज किए जाएंगे। माना जा रहा है कि कार्रवाई में ढिलाई के कारण उपद्रवी तत्वों का मनोबल बढ़ रहा है।
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मुख्यालय से जारी निर्देश में कहा गया है कि उपद्रव की धाराओं में केस दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपितों को 45 दिनों के अंदर गिरफ्तार कर चार्जशीट दायर करे। इससे केस के निष्पादन में भी तेजी आएगी और उपद्रवियों पर भी त्वरित गति से कार्रवाई होगी। बताया गया कि शराब धंधेबाज भी उपद्रव की वारदात को अंजाम देकर पुलिस कार्रवाई में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं।
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पुलिस पर हमले के मामलों में भी समय पर नहीं होती चार्जशीट :
पुलिस पर हमले के मामलों में भी उपद्रवियों पर कार्रवाई में शिथिलता सामने आ रही है। घायल पुलिस कर्मियों का जख्म प्रतिवेदन भी नहीं लिया जा रहा है। छह साल पहले 4 जून 2016 को अहियापुर में विभा देवी के चुनाव हारने के बाद उनके समर्थकों ने धांधली का आरोप लगाकर सड़क जाम किया था। अहियापुर पुलिस पहुंची तो उपद्रव हो गया। इसमें कई पुलिस कर्मियों को चोट आई। मामले में एएसआई अरविंद कुमार के बयान पर 200 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी। अबतक घायल पुलिस कर्मियों का जख्म प्रतिवेदन पुलिस ने एसकेएमसीएच से नहीं लिया। 10 नामजद आरोपितों को कोर्ट ने बीते 29 जनवरी को जमानत दे दी। किसी पर पुलिस चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है। इसी तरह बीते साल 29 मार्च को कुढ़नी के तारसन गांव में भीषण उपद्रव की वारदात में छह पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। इसमें तीन पुलिस कर्मी कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। पुलिस के हथियार भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। 79 लोगों को नामजद करते हुए एफआईआर हुई, लेकिन अबतक पुलिस ने जख्म प्रतिवेदन नहीं लिया। 47 आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अबतक पुलिस ने मामले में 24 आरोपितों पर चार्जशीट दायर नहीं की है।
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उत्तर बिहार में बीते दो साल में उपद्रव के मामले
रेंज वर्ष 2020 वर्ष 2021
तिरहुत 520 424
सारण 562 381
चंपारण 736 376
मिथिला 788 440
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बयान : आमतौर पर उपद्रव के छोटे मामले भी बाद में चलकर हत्या जैसी बड़ी घटनाओं में तब्दील हो जाते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में मुख्यालय ने त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया है। रेंज के सभी जिलों के एसपी को कार्रवाई में तेजी लाने के लिए पत्र भेजा जा रहा है।
-पंकज कुमार सिन्हा, आईजी, तिरहुत रेंज





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