मुजफ्फरपुर के कथैया थाना के रामपुर भेरियाही से नौ बम के साथ पकड़ा गया रामनरेश सहनी विध्वंसक वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। पहले वह अपने भाई को बम से उड़ाता। इसके बाद इलाके में भीषण डकैती की घटना को अंजाम देने की साजिश थी।
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वह एक के बाद एक नौ बम का इस्तेमाल कर कथैया को दहलाने वाला था। लेकिन, पुलिस ने उसके मंसूबो पर पानी फेर दिया। उसने अपने घर मे ही इन बम को ठिकाना लगाकर रखा था। बस सही समय का इंतजार कर रहा था। लेकिन, इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
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रामनरेश से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पारू के रामनाथ ठाकुर से उसने बम लिया था। कुछ खुद से भी बनाया था। वह बम बनाने का भी मास्टरमाइंड है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने रामनाथ को भी गिरफ्तार कर लिया है।
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दोनो को जेल भेजने की कवायद की जा रही है। SSP जयंतकांत ने बताया कि रामनरेश हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ कथैया थाना में लूट, आर्म्स एक्ट और डैकती के नौ केस दर्ज हैं। वह कुछ केस में सजा भी काट चुका है। बावजूद इसके वह नहीं सुधरा।
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भाई से चल रहा जमीन विवाद
रामनरेश का अपने भाई रमेश से जमीन विवाद चल रहा है। रामनरेश ने पुलिस को बताया कि उसके भाई ने उसकी जमीन पर भी कब्जा कर रखा है। इसी के प्रतिशोध में वह अपने भाई से बदला लेना चाहता था। उसके जेल जाने के बाद उसके भाई ने जमीन पर कब्जा कर लिया था। जिसे छोड़ नहीं रहा था। गिरफ्तार रामनाथ से उसका पुराना सम्बंध रहा है। उसी से संपर्क कर उसने बम लिया और कुछ खुद से तैयार किया था।
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31 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय
रामनरेश आज से नहीं बल्कि 31 साल से अपराध की दुनिया मे सक्रिय है। सबसे पहले उसने 1991 में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद उसी साल चोरी की घटना की। फिर 1993 में डकैती की वारदात की। इसके बाद वह गिरफ्तार होकर जेल चला गया। फिर जेल से छुटने के बाद वर्ष 2000 में आर्म्स एक्ट और डकैती का केस दर्ज हुआ। 2007 में घर से चोरी की, 2011 में चोरी की। फिर जेल गया। अब एक बार फिर विध्वंसक वारदात की साजिश रची थी।
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FSL में भेजा जाएगा जांच को
DSP वेस्ट अभिषेक आनंद ने बताया कि जब्त किए गए बम को FSL जांच के लिए भेजा जाएगा। इसकी कवायद की जा रही है। बम स्क्वाड ने इसे डिफ्यूज कर दिया था। पूछताछ में पता लगा कि बम बनाने के लिए सोडा, केमिकल और कुछ बारूद का इस्तेमाल किया गया था। फिर इसे सुतली से बांधकर तैयार किया गया था।
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DSP ने बताया कि यह बहुत ज्यादा एक्सप्लोसिव नहीं था। लेकिन, अगर एक साथ दो-तीन बम विस्फ़ोट किया जाता तो बड़ा धमाका के साथ किसी की जान ली जा सकती है। एक बम का वजन 250-300 ग्राम बताया गया है। बम बनाने के लिए बारूद भी रामनाथ ने ही उपलब्ध कराया था। विस्फोटक सामग्री बेचने वाले सिंडिकेट का पता किया जा रहा है।





INPUT: Bhaskar
