कुपुत्रो जायेत, क्वचिदपि कुमाता न भवति। इस उक्ति को भी झूठ कर दिया है एक मां ने। कहते हैं कि अपनी संतान मां के लिए सबसे प्यारी होती है, किंतु मां के द्वारा अपने ही कोख से जने बच्चे का सौदा कर लिया जाना एक बार फिर मानवता को करारा तमाचा मार गया।
मां की ममता को शर्मसार करने वाली इस घटना ने पूरे क्षेत्र को कलंकित कर दिया है।
पटोरी थाना स्थित चकसाहो पंचायत का फतेहपुर गांव। गांव का ही इंद्रदेव महतो बाहर राजमिस्त्री का काम करता है। 14 वर्ष पहले उसकी शादी सोनपुर के शिकारपुर निवासी मनोज महतो की बेटी सरिता के साथ हुई थी। सरिता ने दो पुत्र और एक पुत्री जने। बड़ा पुत्र रवि अपनी बुआ के यहां रहता है।
वह अपनी बेटी करीना और छोटे पुत्र किशन को पास रखा करती थी। पति परदेस कमाने गया और वह अपने ससुराल से भागकर पटोरी में किराए पर रहने लगी। कभी-कभी ससुराल भी आया जाया करती थी ङ्क्षकतु विगत चार-पांच महीने से वह अपने ससुराल भी नहीं गई। सूत्रों की मानें तो इस बीच उसने दूसरी शादी कर ली थी।
अपना ही बच्चा बन गया बोझ
अब अपना ही ब’चा उसे गला का घेघ लगने लगा। सहदेई में पहले उसने अपनी बेटी करीना को बेच दिया, जिसका अभी तक कोई पता नहीं चल सका है और अपने बेटे किशन को अपने मकान मालिक गणेश प्रसाद गुप्ता से बेच डाला। उसके एवज में पैसे उठाए और फिर पटोरी छोड़कर फरार हो गई। वह अब अपने दूसरे पति के यहां भी नहीं रहती है और कहीं अन्यत्र किसी के साथ चली गई। जिसका अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। गणेश प्रसाद गुप्ता। उस ब’चे किशन को अपने पास रखने लगा।
पांच माह की मशक्कत के बाद बच्चा हुआ मुक्त
जब उसका पति बाहर से आया और उसकी दादी ने पहल की तो पटोरी थाना पुलिस को आवेदन दिया गया। सितंबर 2021 में दिए गए आवेदन के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो लोग अपना ब’चे को लेने के लिए गणेश के घर सिनेमा चौक पर पहुंचे। ब’चे मांगने पर गणेश आग बबूला हो गया और कहा कि मैंने ब’चे को खरीद लिया है। गाली गलौज और मारपीट कर सभी लोगों को भगा दिया।
पुलिस कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने चाइल्ड लाइन की मदद ली। चाईल्ड लाईन समस्तीपुर व सबसेन्टर पटोरी ने पुलिस की सहायता से किशन कुमार को बाल व्यापार से मुक्त करा लिया। पटोरी थानाअध्यक्ष संदीप कुमार पाल ने चाईल्ड लाईन समस्तीपुर के कौशल कुमार, बलराम प्रसाद चौरसिया, अंजु कुमारी को ब’चा सौंप दिया है।
गणेश ने बच्चे की जानकारी न घर वालों को दी और न पुलिस को
इधर थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल ने बताया कि ब’चे को चाइल्ड लाइन के जिम्मे सौंप दिया गया है तथा वे इसकी जांच कर रहे हैं। इधर गणेश प्रसाद गुप्ता का कहना है कि वह पिछले वर्ष मई से ही रख रहा है और उसके यहां ब’चा सुरक्षित था। हालांकि जब मां ब’चा छोड़ कर गई तो गणेश ने इसकी सूचना न तो पुलिस को दी थी और ना ब’चे के घर वालों को। लिहाजा शक और बढ़ गया।
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