मुजफ्फरपुर के निजी अस्पताल में जमकर हंगामा, 20 हजार के लिए छह घंटे तक शव को रोके रखा

मुजफ्फरपुर। कुढ़नी गांव की 35 वर्षीय महिला आशा देवी की मौत मंगलवार सुबह जूरनछपरा स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। इसकी सूचना पर जब शव लेने के लिए उसके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक से संपर्क किया तो उसे करीब 20 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया।




इस पर परिजनों ने आयुष्मान कार्ड से इलाज किए जाने की बात कही और बिल देने पर आपत्ति जताते हुए हंगामा किया।


वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने बिना बिल भुगतान किए परिजनों को शव देने से इंकार कर दिया। छह घंटे बाद दोपहर करीब तीन बजे जब पीड़ित परिवार ने आठ हजार रुपये अस्पताल के काउंटर पर जमा किए तब उन्हें शव सौंपा गया। देर शाम कुढ़नी गांव में उसका दाह संस्कार किया गया। मामले में पीड़ित पक्ष ने ब्रह्मपुरा थाने को इसकी मौखिक सूचना दी है। फिलहाल, पुलिस पीड़ित के आवेदन का इंतजार कर रही है। थानेदार ने बताया कि आवेदन मिलने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।


महिला के पति तारकेश्वर महतो ने पुलिस को बताया कि पेट में दर्द की शिकायत पर उन्होंने अपनी पत्नी आशा को जूरनछपरा रोड नंबर चार स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उन्हें बताया गया कि आयुष्मान कार्ड से इलाज संभव है और उक्त कार्ड पर ही इलाज होगा। इसके बाद आशा को डॉक्टरों ने आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया। मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई। सुबह करीब साढ़े नौ बजे अस्पताल ने एक बिल उनको दिया और कहा कि इसके भुगतान के बाद ही उन्हें शव सौंपा जाएगा। इस पर उन्होंने इसका विरोध किया और कहा कि आयुष्मान कार्ड से इलाज की बात हुई थी। वह कैश भुगतान नहीं कर पाएंगे। इसपर अस्पताल कर्मियों ने उसे भला-बुरा कहा और रुपये जमा किए बगैर शव नहीं देने की बात कही।

INPUT:Hindustan

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